आखिर कब तक अवैध निर्माणों से जाती रहेगी लोगों की जान, हाईकोर्ट ने सरकार को फटकारा   

आखिर कब तक अवैध निर्माणों से जाती रहेगी लोगों की जान, हाईकोर्ट ने सरकार को फटकारा   

Tejinder Singh
Update: 2021-06-29 16:06 GMT
आखिर कब तक अवैध निर्माणों से जाती रहेगी लोगों की जान, हाईकोर्ट ने सरकार को फटकारा   

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि अवैध निर्माणों को लेकर राज्य सरकार व स्थानिय निकाय की विफलता के हो रही लोगों की मौत के साथ-साथ ये अवैध निर्माण भी रुकने चाहिए। आखिर कब तक इन हादसों में लोग मरते रहेंगे। हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही। हाईकोर्ट ने पिछले साल भिवंडी इलाके में गिरी इमारत के हादसे का स्वतः संज्ञान लिया है। और उसे जनहित याचिका में परिवर्तित किया है। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान खंडपीठ ने कहा कि काफी इमारत हादसे हो चुके है। इन हादसों में सिर्फ लोग मरते है।

इस बीच खंडपीठ के सामने मालवणी के इमारत हादसे से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ के सामने इस हादसे को लेकर पूर्व न्यायमूर्ति जेपी देवधर की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट भी पेश की गई। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मालवणी की इमारत एक मंजिल थी लेकिन इस पर और तीन मंजिल बनाने के कारण हादसा हुआ है। रिपोर्ट में अवैध निर्माण को रोकने के लिए कदम उठाने का सुझाव दिया गया है। रिपोर्ट को देखने के बाद खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में वार्ड स्तर के अधिकारी की जिम्मेदारी तय किया जाना जरुरी है। अवैध निर्माण पर लगातार नजर रखना जरुरी है। खंडपीठ ने सरकार व मुंबई मनपा को इस रिपोर्ट पर अपना जवाब देने को कहा है। खंडपीठ ने दो जुलाई 2021 को इस याचिका पर सुनवाई रखी है। मालवणी इमारत हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई थी। 

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