चुनाव आयोग के दखल से तमाशा कलाकारों को मिली राहत, पुलिस नहीं दे रही थी इजाजत

चुनाव आयोग के दखल से तमाशा कलाकारों को मिली राहत, पुलिस नहीं दे रही थी इजाजत

Tejinder Singh
Update: 2019-03-27 16:00 GMT
चुनाव आयोग के दखल से तमाशा कलाकारों को मिली राहत, पुलिस नहीं दे रही थी इजाजत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने का खामियाजा प्रदेश के तमाशा कलाकारों को उठाना पड़ा है। दरअसल आचार संहिता लागू के चलते पुलिस ने तमाशा कलाकारों को कार्यक्रम के लिए अनुमति देना बंद कर दिया था। इस कारण तमाशा कलाकारों को लगभग 70 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने सभी जिलाधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारियों को पत्र लिखकर तामाशा मंडलों को कार्यक्रम के लिए अनुमति देने का कहा है। तमाशा महर्षि शिघ्र कवि पठ्ठेबापुराव लोक कलाकारों की मराठी परिषद के अध्यक्ष संभाजी राजे जाधव ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि तमाशा कलाकारों को हर दिन के कार्यक्रम के लिए पुलिस से अनुमति लेनी पड़ती है लेकिन लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद आचार संहिता का बहाना बनाकर पुलिस तमाशा कलाकारों को कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं दे रही थी। इससे तमाशा कलाकारों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया था। इस कारण हमें निर्वाचन आयोग के पास आना पड़ा है। एक सप्ताह की कोशिश के बाद उप सचिव तथा सह मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनिल वलवी ने सभी जिलाधिकारियों को अनुमति के लिए पत्र दिया है।

पुलिस ने मंजूरी देने से किया था इंकार

जाधव ने कहा कि प्रदेश स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं और पिछले विधानसभा चुनाव के समय पुलिस ने तमाशा कलाकारों को कार्यक्रम के लिए अनुमति दी थी। लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान पुलिस ने मंजूरी देने से इंकार कर दिया था। जाधव ने कहा कि दशहरा के बाद गर्मी तक तमाशा कलाकारों के नियमित कार्यक्रम होते हैं। प्रदेश भर में 2 लाख 64 हजार तमाशा कलाकार हैं। जबकि 456 तमाशा मंडल हैं। एक तमाशा मंडल में 80 से 105 कलाकार शामिल होते हैं। राज्य में नाशिक, जलगांव, सातारा, धुलिया समेत अन्य जिलों में तमाशा के कार्यक्रम अधिक होते हैं। 

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