हत्या के बाद तिजोरी लूटकर ले गए, नहीं लगा आरोपियों का सुराग नहीं 

हत्या के बाद तिजोरी लूटकर ले गए, नहीं लगा आरोपियों का सुराग नहीं 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-14 09:45 GMT
हत्या के बाद तिजोरी लूटकर ले गए, नहीं लगा आरोपियों का सुराग नहीं 

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। माढ़ोताल थाना क्षेत्र स्थित राधाकृष्ण मंदिर के पास रहने वाले 63 वर्षीय सराफा व्यापारी विष्णु दयाल सोनी की हत्या के मामले में पुलिस के हाथ अभी खाली हैं। मृतक की पत्नी के इंदौर से आनेे के बाद इस बात का खुलासा हुआ है कि हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी घर के अंदर से तिजोरी उठाकर ले गये हैं। तिजोरी में मृतक की पत्नी के जेवर व नकदी रकम रखी थी। कुल कितनी कीमत का सामान था इसका खुलासा नहीं हो सका है। ज्ञात हो कि बीती रात मनमोहन नगर निवासी रत्नेश उर्फ राजा सोनी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि पुरानी बस्ती करमेता स्थित राधाकृष्ण मंदिर के पास रहने वाले उनके पिता की किसी ने हत्या कर दी है। पुलिस को जाँच के दौरान पता चला था कि मृतक के शरीर में 8 से 10 वार किए गये थे। जिनमें से अधिकांश वार कमर के नीचे नाजुक अंगों पर किए गये थे, जिससे कई तरह की आशंकाएँ नजर आ रही थीं, लेकिन माँ राधा देवी के वापस घर लौटने के बाद तिजोरी गायब होने की जानकारी लगने पर हत्या लूट के इरादे से किया जाना प्रतीत हो रहा है, बावजूद इसके पुलिस सभी बिंदुओं की बारीकी से जाँच करने में जुटी हुई है। इस संबंध में प्रभारी टीआई करण सिंह का कहना है कि संदेह के आधार पर कई लोगों की धरपकड़ कर पूछताछ की जा रही है। जल्द ही हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग

सराफा व्यापारी की हत्या के मामले को लेकर जबलपुर स्वर्णकार समाज ने आक्रोश व्यक्त करते हुए, हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तारी की माँग की है। समाज के अध्यक्ष एड. सुनील सोनी, महेंद्र छनिया, अशोक शिवगंगा, सुशील सोनी, ओमप्रकाश सोनी आदि ने घटना की निंदा की है। 

रविवार की रात की थी हत्या 

सूत्रों के अनुसार मृतक द्वारा फोन रिसीव नहीं किए जाने पर उनका पुत्र सोमवार की रात 10 बजे के करीब अपने पिता के घर पहुँचा था, तब उसे हत्या की जानकारी लगी थी। जाँच में इस बात की पुष्टि हुई है कि व्यापारी की हत्या रविवार की रात की गयी थी। 

मंदिर में करते थे पूजा-पाठ 

मृतक के पुत्र ने बताया कि उनके पिता के मकान में ही राधाकृष्ण का मंदिर था और उनके माता-पिता मंदिर में पूजा पाठ किया करते थे। करीब दस दिन पहले मां राधा देवी भोपाल गयी थीं। वहीं से भागवत कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वे इंदौर चली गयी थीं। सोमवार को घटना की जानकारी लगने पर वे इंदौर से रवाना हुईं और मंगलवार की सुबह जबलपुर पहुंच गयीं। 
 

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