पटाखों पर पाबंदी के बावजूद प्रदूषित हुई हवा, शिवाजी पार्क इलाके में सबसे ज्यादा प्रदूषण

पटाखों पर पाबंदी के बावजूद प्रदूषित हुई हवा, शिवाजी पार्क इलाके में सबसे ज्यादा प्रदूषण

Tejinder Singh
Update: 2020-11-17 15:26 GMT
पटाखों पर पाबंदी के बावजूद प्रदूषित हुई हवा, शिवाजी पार्क इलाके में सबसे ज्यादा प्रदूषण

डिजिटल डेस्क, मुंबई। दीपावली के दौरान शिवाजी पार्क इलाके में सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण के साथ-साथ सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण भी दर्ज किया गया। आवाज संस्था द्वारा की गई जांच में यहां दीपावली की रात लोगों के पटाखे फोड़ने के बाद पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 10 का स्तर 291 जबकि पीएम 2.5 का स्तर 251 तक पहुंच गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के मुताबिक 50 पीएम 10 और 25 पीएम 2.5 ही सांस लेने के लिए सुरक्षित माना जाता है। 

आवाज संस्था की जांच में साफ हुआ कि सरकार ने दीपावली के दिन जिन फुलझड़ियों और अनारों को जलाने की इजाजत दी थी, उनसे भी कई घातक केमिकल हवा में फैले हैं। विलेपार्ले इलाके में स्थित एसवी रोड पर भी वायु प्रदूषण का स्तर मापा गया। जिन जगहों पर अनार और फुलझड़ियां जलाई गईं थी वहां पीएम 10 का स्तर 102 से बढ़कर 200 तक जबकि पीएम 2.5 का स्तर 88 से बढ़कर 173 पहुंच गया। जिन जगहों पर पटाखे नहीं जलाए गए वहां वायु प्रदूषण का स्तर काफी कम मिला।

दीपावली की रात 9 बजे से 10 बजे के बीच शहर में वायुप्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा हो गया और यह बढ़कर औसत 110 पीएम 10 तक पहुंच गया लेकिन अगले दिन सुबह आठ बजे इसमें कमी आई और इस दौरान औसत पीएम 10 75 दर्ज किया गया। वायु प्रदूषण का स्तर छोटी दीपावली से बढ़ना शुरू हुआ और दीपावली की रात 9 से 10 बजे के बीच यह सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। 

आवाज फाउंडेशन की प्रमुख सुमैरा अब्दुलअली ने बताया कि वायु प्रदूषण मापने के लिए हमने आम लोगों को हाथ से चलाए जाने वाले उपकरण सौंपे थे। इन उपकरणों से आम लोग भी आसानी से वायु प्रदूषण का स्तर माप सकते हैं। कई पश्चिमी देशों में इस तरीके का उपयोग किया जाता है। अब्दुलअली ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे को पत्र लिखकर कहा है कि आम लोगों को इस तरह ध्वनि और वायु प्रदूषण मापने के लिए उपकरण मुहैया कराए जाने चाहिए। जिससे मिले आंकड़ों का इस्तेमाल गैरसरकारी संस्थाओं के साथ नीरी और एमपीसीबी भी कर सकेंगी। लोगों में भी इससे जागरूकता आएगी। बता दें कि साइलेंट क्षेत्र घोषित शिवाजी पार्क में ही इस साल सबसे ज्यादा 105.5 डेसिबल ध्वनिप्रदूषण भी दर्ज किया गया था।

ये इलाके रहे सबसे ज्यादा प्रदूषित

शिवाजी पार्क और विलेपार्ले के बाद माहिम के शीतलादेवी तालाब के पास सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण दर्ज किया गया। यहां पीएम 10 का स्तर 177 जबकि पीएम 2.5 का स्तर 153 रहा। मरीन ड्राइव, वरली सी फेस, सांताक्रूज पश्चिम, बांद्रा पश्चिम में भी वायु प्रदूषण सुरक्षित सीमा से काफी ज्यादा पाया गया।

 
 

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