अब पुरानी बातें निकालने का कोई मतलब नहीं, फडणवीस के बयान पर जवाब देने से बचते नजर आए अजित पवार 

अब पुरानी बातें निकालने का कोई मतलब नहीं, फडणवीस के बयान पर जवाब देने से बचते नजर आए अजित पवार 

Tejinder Singh
Update: 2021-06-06 12:42 GMT
अब पुरानी बातें निकालने का कोई मतलब नहीं, फडणवीस के बयान पर जवाब देने से बचते नजर आए अजित पवार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। उपमुख्यमंत्री अजित पवार प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के उस बयान पर जवाब देने से बचते नजर आए जिसमें उन्होंने कहा था कि साल 2019 में अजित पवार के साथ सरकार बनाना चूक थी और इससे समर्थकों के बीच मेरी छवि खराब हुई थी। रविवार को पुणे में पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना को 14 महीने हो गए हैं। हम लोग आगे बढ़ गए हैं। अब पीछे मुड़कर पुराने बातों को उकरने का कोई मतलब नहीं है। हमें राज्य को कोरोना संकट से मुक्त करने का प्रयास करना चाहिए। उपमुख्यमंत्री ने फडणवीस के साथ सरकार बनाने के लिए राकांपा के विधायकों के हस्ताक्षर वाली सूची गायब करने वाले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील के बयान पर जवाब दिया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जिन्हें कोई काम नहीं है वे लोग इस तरह की बातें करते हैं पर उनकी बातों को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। इसके जवाब में पुणे में पाटील ने कहा कि जो गलत है वह गलत ही रहेगा। राकांपा के 54 विधायकों की सूची राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के कपाट से चुराकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को देना महाराष्ट्र के नैतिकता के दायरे में आता है क्या? पाटील ने कहा कि उपमुख्यमंत्री को मेरे नींद में सरकार गिरने वाले बयान पर टिप्पणी करने की जरूरत नहीं थी। मैंने उनके बारे में कुछ नहीं बोला था। इससे पहले एक साक्षात्कार में विधानसभा में विपक्ष फडणवीस ने कहा था कि साल 2019 में अजित पवार के साथ मिलाकर 80 घंटे की सरकार बनाना चूक थी। ऐसा करने से मेरे समर्थकों में मेरी छवि खराब हुई थी। लेकिन सरकार बनाने का मुझे कोई पछतावा नहीं है। 

मुझे मालूम है नरेंद्र पाटील का दायरा- उपमुख्यमंत्री

मराठा आरक्षण के लिए पूर्व विधायक नरेंद्र पाटील के मराठा आरक्षण नहीं मिलने पर अपने पेट में बम लगा लेने की धमकी पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे बयानों से उन्हें मीडिया में जगह मिलती है। पाटील एक समय राकांपा में थे। उनका दायरा कितना है यह मुझे अच्छी तरह से मालूम है। पाटील को राकांपा ने ही विधायक बनाया था। मुझे उनके बयान को महत्व नहीं देना है। उपमुख्यमंत्री के इस बयान के बाद पाटील ने कहा कि राज्य के ओबीसी समाज से आने वाले मंत्री अपने समाज के लिए एकजुट हो जाते हैं लेकिन मराठा आरक्षण के लिए उपमुख्यमंत्री चुप क्यों हैं यह सवाल राज्य की जनता के मन में है। इससे पहले शनिवार को पाटील ने बीड़ में मराठा क्रांति संघर्ष मोर्चा में पेट में बम लगाने की धमकी दी थी। 

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