पेड़ कटाई को लेकर सोशल मीडिया पर भिड़ीं अमृता फडणवीस-प्रियंका चतुर्वेदी

पेड़ कटाई को लेकर सोशल मीडिया पर भिड़ीं अमृता फडणवीस-प्रियंका चतुर्वेदी

Tejinder Singh
Update: 2019-12-09 14:12 GMT
पेड़ कटाई को लेकर सोशल मीडिया पर भिड़ीं अमृता फडणवीस-प्रियंका चतुर्वेदी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा और शिवसेना के बीच पेड़ कटाई को लेकर हो रही राजनीति में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस भी कूद पड़ी। दरअसल मीडिया में खबरे आईं थीं कि औरंगाबाद में बनने वाले बालासाहेब ठाकरे मेमोरियल के लिए 1 हजार पेड़ काटे जाएंगे। इस खबर पर अमृता ने शिवसेना को टैग करते हुए लिखा कि पाखंड एक बीमारी है। लेकिन शिवसेना प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने उन पर ट्वीट के जरिए ही जवाबी हमला बोला और लिखा कि यह खबर झूठी है और झूठ बोलना भी एक बीमारी है, उन्होंने औरंगाबाद के महापौर का बयान भी साझा किया है जिसमें वे दावा कर रहे हैं कि मेमोरियल के लिए कोई पेड़ नहीं काटे जाएंगे। लेकिन अमृता पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। सोमवार को किए गए अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि सिर्फ खुद को बचाने के लिए महापौर से इस तरह का बयान दिलवाया जा रहा है। 

क्या है मामला

दरअसल सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आरे में मेट्रो कारशेड बनाने के लिए पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी थी। हालांकि फडणवीस सरकार ने जरूरी 2141 पेड़ों की कटाई कर दी थी और मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीमकोर्ट में कहा था कि अब और पेड़ काटने की जरूरत नहीं है। लेकिन उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री बनते ही पहले आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने का फैसला किया और फिर ऐलान किया कि अगले आदेश तक आरे में एक पत्ता भी नहीं तोड़ा जाएगा और वहां निर्माण कार्य पर रोक लगा दी। 

ट्विटर पर दो दो हाथ

अमृता ने रविवार को किए गए ट्वीट में लिखा कि ‘पाखंड एक बीमारी है, अपनी सुविधा के मुताबिक पेड़ काटना और पेड़ काटने की इजाजत तभी देना जब कमीशन मिले, यह माफ न किया जा सकने वाला अपराध है।’ जवाब में प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा कि ‘आपको निराश करने के लिए माफी चाहती हूं लेकिन महापौर ने इस बात की पुष्टि की है कि मेमोरियल के लिए एक भी पेड़ नहीं काटा जाएगा। अनिवार्य रूप से झूठ बोलना ज्यादा बड़ी बीमारी है। आप जल्द स्वस्थ हों, पेड़ काटने के लिए कमीशन की नीति को महाराष्ट्र भाजपा बढ़ावा दे रही है।’ चतुर्वेदी ने औरंगाबाद के महापौर का वीडियो भी ट्वीट किया है। लेकिन अमृता पीछें नहीं हटीं। उन्होंने आरोप लगाया कि पाखंड खुल गया तो खुद को बचाने के लिए औरंगाबाद के महापौर से बयान दिलवा दिया गया। 
 

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