भाजपा से नाराज किशोर तिवारी ने थामा शिवसेना का दामन

भाजपा से नाराज किशोर तिवारी ने थामा शिवसेना का दामन

Tejinder Singh
Update: 2019-09-20 15:20 GMT
भाजपा से नाराज किशोर तिवारी ने थामा शिवसेना का दामन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा से दूर होने के बाद किशोर तिवारी ने शिवसेना का दामन थाम लिया है। प्रदेश सरकार के वसंतराव नाईक किसान स्वावलंबन मिशन के अध्यक्ष तिवारी ने शुक्रवार को शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में पार्टी में प्रवेश किया। उद्धव ने तिवारी की शिवसेना के किसान विभाग के सलाहकार पद पर नियुक्ति की है। शिवसेना भवन में उद्धव ने कहा कि पार्टी का किसान विभाग तिवारी के मार्गदर्शन के तहत काम करेगा। उद्धव ने कहा कि पिछले कई सालों से किसानों के मुद्दों पर तिवारी मेरा मार्गदर्शन करते आए हैं। उद्धव ने कहा कि हमारी आलोचना होती है कि हमें किसानों और खेती के बारे में समझ नहीं है। इसलिए हम तिवारी से समझते हैं। मैं तिवारी को नेता नहीं कहता हूं क्योंकि कार्यकर्ता कहने पर एक अपने पन का भाव रहता है। वहीं तिवारी ने कहा कि मैं भाजपा का कभी सक्रिय सदस्य नहीं था। मेरा उद्धव से साल 2004 से संबंध हैं। मैंने साल 2014 में उद्धव को किसानों के मुद्दों पर काफी सलाह दी थी लेकिन ऐन मौके पर मुझे भाजपा के साथ जाना पड़ा। मुझे इसका बड़ा दुख हुआ। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। तिवारी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में विदर्भ शिवसेना के पक्ष में खड़ा रहेगा। ऐसा मुझे पूरा विश्वास है। क्योंकि उद्धव से लोगों को काफी उम्मीदें हैं। तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में खामियों का मुद्दा शिवसेना ने उठाया। इसके बाद केंद्र सरकार ने योजना में बदलाव करने का आश्वासन दिया। इससे पहले तिवारी ने भाजपा की तरफ से विधान परिषद सदस्य बनाने का वादा पूरा नहीं किए जाने पर पार्टी से दूर होने की घोषणा की थी। 

मैं इस्तीफा क्यों दूं, भाजपा चाहे तो हटा दें

भाजपा से नाराजगी के बाद तिवारी ने शिवसेना में प्रवेश किया है। लेकिन तिवारी राज्य सरकार के वसंतराव नाईक किसान स्वावलंबन मिशन के अध्यक्ष के पद का इस्तीफा नहीं देंगे। दैनिक भास्कर से बातचीत में तिवारी ने कहा कि मैं इस्तीफा क्यों दूं। भाजपा चाहे तो मुझे हटा दें। लेकिन भाजपा को इसके परिणाम भुगतने होंगे। तिवारी ने कहा कि शिवसेना सरकार की सहयोगी पार्टी है। इस सरकार को बनाने में मेरी भी भूमिका रही है। इसलिए मैं इस्तीफा नहीं दुंगा। 
 

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