महाशिवरात्रि उत्सव के लिए महिला किसान की फसल उजाड़ने पर जिलाधिकारी-सीओ से मांगा जवाब 

हाईकोर्ट महाशिवरात्रि उत्सव के लिए महिला किसान की फसल उजाड़ने पर जिलाधिकारी-सीओ से मांगा जवाब 

Tejinder Singh
Update: 2022-03-01 12:57 GMT
महाशिवरात्रि उत्सव के लिए महिला किसान की फसल उजाड़ने पर जिलाधिकारी-सीओ से मांगा जवाब 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने महाशिवरात्री का उत्सव के आयोजन लिए एक महिला किसान की सोयाबीन फसल जेसीबी से नष्ट करने को लेकर सोलापुर के जिलाधिकारी व अन्य सरकारी अधिकारी के प्रति कडी नारजगी जाहिर की है। सोलापुर के जिलाधिकारी व कुरुंदवड नगरपरिषद के मुख्यकार्याकरी अधिकारी की कार्रवाई के खिलाफ महिला किसान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। 

न्यायमूर्ति एसजे काथावाला व न्यायमूर्ति एमएन जाधव की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका के साथ जोड़ी गई तस्वीरों पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने जब पूछा कि किसने किसान की फसल उत्सव मनाने के लिए नष्ट की है तो जवाब में जिलाधिकारी द्वारा 7/12 का उतारा पेश किया गया। जिसमें लिखा गया था कि किसान की जमीन 15 दिनों के लिए महाशिवरात्री उत्सव के लिए ली जाएगी। इसके साथ ही याचिकाकर्ता ने एक बैठक में जमीन के इस्तेमाल के लिए अपनी सहमति दी थी अब कोर्ट में आकर सहमति से मुकर गई हैं। सुनवाई के दौरान सोलापुर के जिलाधिकारी राहुल रेखावार व मुख्यकार्यकारी अधिकारी निखिल जाधव वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए कोर्ट में उपस्थित हुए थे। 

इस पर खंडपीठ ने कहा कि बैठक में कौन लोग मौजूद थे उनके हस्ताक्षर से जुड़े दस्तावेज हमारे सामने पेश किया जाए। किंतु जिलाधिकारी कोई दस्तावेज नहीं पेश कर पाए। इसके अलावा खंडपीठ ने कहा कि 7/12 के उतारा में कौन से कानून के तहत महाशिवरात्री के लिए जमीन के इस्तेमाल की बात लिखी गई है। खंडपीठ ने कहा कि यदि अतीत में जमीन का इस्तेमाल उत्सव के लिए हुआ भी हो तो उसे मिसाल नहीं बनाना चाहिए।

मामले को लेकर खंडपीठ के कड़े रुख को देखते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि वे सुनिश्चित करेंगे कि याचिकाकर्ता की जमीन का इस्तेमाल शिवरात्री के महोत्सव के लिए न किया जाए। इसके बाद खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई 10 मार्च 2022 तक के लिए स्थगित कर दी और जिलाधिकारी व मुख्यकार्यकारी अधिकारी को मामले को लेकर अपना हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।  

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