आरोपियों के संपर्क में थे पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह 

एंटीलिया विस्फोटक मामला आरोपियों के संपर्क में थे पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह 

Tejinder Singh
Update: 2021-09-10 14:03 GMT
आरोपियों के संपर्क में थे पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक लदी कार खड़ी करने और कारोबारी मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आरोपपत्र दायर किया है, उसमें मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को लेकर जो खुलासे किए हैं, उससे सिंह की मुश्किलें बढ़ सकतीं हैं। आरोपपत्र में एनआईए ने दावा किया है कि सिंह आईफोन के फेसटाइम आईडी के जरिए आरोपियों के संपर्क में थे। नए फोन में कुरकुरे नाम और बालाजी उपनाम से यह आईडी बनाया गया था। इस नाम को ise####@gmail.com ईमेल अकाउंट से जोड़ा गया था। सिंह के लिए एक मातहत ने यह आईडी नए खरीदे गए आईफोन पर बनाई थी। अपने बयान में उसने बताया था कि सिंह के कमरे में इसी ब्रांड का एक पैकेट पड़ा था, इसीलिए इस नाम से आईडी बना दी गई। डीजी होमगार्ड के ऑफिस में नेटवर्क की समस्या थी इसलिए उसने बाहर आकर फेसटाइम आईडी और पासवर्ड बनाया था। हालांकि इसे बनाने वाले अधिकारी ने एनआईए से दावा किया कि उसे अब इसका पासवर्ड याद नहीं है। 

इसकी पुष्टि के लिए एनआईए ने एप्पल कंपनी से भी आधिकारिक रूप से संपर्क कर जानकारी मांगी, तो वहां से भी यह जानकारी दी गई कि संबंधित जीमेल से कुरकुरे बालाजी नाम से फेसटाइम एकाउंट बनाया गया था। दरअसल मामले की जांच के दौरान एनआईए ने पाया था कि आरोपी लगातार एक गूगल एकाउंट के जरिए किसी से संपर्क में थे। जांच में खुलासा हुआ कि इसका इस्तेमाल सिंह कर रहे थे। आरोपपत्र में एनआईए ने यह भी दावा किया है कि जैश उल हिंद नाम के संगठन से जुड़े धमकी भरे टेलीग्राम संदेश को लेकर मनचाही रिपोर्ट तैयार करने के लिए सिंह ने एक साइबर एक्सपर्ट को पांच लाख रुपए दिए थे। साइबर विशेषज्ञ ने एनआईए को दिए अपने बयान में इसकी जानकारी दी है जिसे आरोपपत्र का हिस्सा बनाया गया है। बता दें कि इसी साल 25 फरवरी को एंटीलिया के बाहर एक जिलेटिन की छड़े लदी हुई कार बरामद की गई थी जिसमें धमकी भरा संदेश भी था। कुछ दिनों बाद ही कार के कथित मालिक मनसुख हिरन का शव ठाणे की खाड़ी से बरामद किया गया था। आरोपपत्र में एनआईए ने दावा किया है कि तत्कालीन पुलिस अधिकारी सचिन वाझे ने खोई प्रतिष्ठा हासिल करने के लिए खुद विस्फोटक भरी कार खड़ी करवाई और पोल खुलने के डर से मनसुख की हत्या करा दी। मामले में एनआईए ने विशेष अदालत में कुछ दिनों पहले 10 हजार पन्नो का आरोपपत्र दायर किया है जिसमें मामले से जुड़े कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।  
 

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