विधानसभा उपचुनाव : राणे लड़े या नहीं, कांग्रेस-राकांपा उतारेगी संयुक्त उम्मीदवार 

विधानसभा उपचुनाव : राणे लड़े या नहीं, कांग्रेस-राकांपा उतारेगी संयुक्त उम्मीदवार 

Tejinder Singh
Update: 2017-11-21 13:04 GMT
विधानसभा उपचुनाव : राणे लड़े या नहीं, कांग्रेस-राकांपा उतारेगी संयुक्त उम्मीदवार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के इस्तीफे से खाली हुई विधान परिषद सीट के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस-राकांपा संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करेंगे। मंगलवार को हुई दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा कि राणे चुनाव लड़े या नहीं पर हमारा उम्मीदवार चुनाव में उतरेगा। आगामी 7 दिसंबर को इस सीट के लिए चुनाव होने वाला है। कांग्रेस छोड़ने की वजह से राणे को इस सीट से इस्तीफा देना पड़ा था। इस सीट के लिए राणे भाजपा समर्थित उम्मीदवार हो सकते हैं, या भाजपा अपने किसी नेता को टिकट दे सकती है। उपचुनाव के लिए 29 नवंबर तक नामांकन किया जा सकेगा। चव्हाण ने कहा कि इसके पहले हम सहमति से अपना उम्मीदवार तय कर लेंगे। 

नागपुर में 12 दिसंबर को संयुक्त मोर्चा

चव्हाण ने बताया कि बैठक में तय हुआ है कि आगामी 12 दिसंबर को विधानमंडल के शीतकालिन सत्र के दौरान नागपुर में विधानभवन पर कांग्रेस-राकांपा की तरफ से संयुक्त मोर्चा निकाला जाएगा। बैठक में  विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटील, विप के उपसभापति माणिकराव ठाकरे, शरद रणपिसे, राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार, विप में विपक्ष में नेता धनंजय मुंडे, प्रदेश राकांपा अध्यक्ष सुनिल तटकरे, जयंत पाटील मौजूद थे।

पड़ेगी शिवसेना के समर्थन की जरूरत

विधान परिषद की इस सीट की जीत के लिए 145 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। कांग्रेस-राकांपा के पास 81 विधायक हैं। इस लिए बगैर शिवसेना के समर्थन के कांग्रेस-राकांपा उम्मीदवार की जीत संभव नहीं है। शिवसेना के पास कुल 63 विधायक हैं, इनमें से सेना के एक विधायक प्रतापराव पाटील चिखलीकर भाजपा के साथ चले गए हैं। यानि शिवसेना के पास 62 विधायकों का संख्याबल है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार इस चुनाव में विधायकों की खरीद फरोख्त से इंकार नहीं किया जा सकता। इस लिए पार्टी को धनपति उम्मीदवार की तलाश है, जो हार्स ट्रेडिंग की स्थिति में वोटों का इंतजाम कर सके।   

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