अठवले की प्रकाश आंबेडकर को सलाह- सत्ता चाहिए तो बीजेपी-शिवसेना का साथ दो
अठवले की प्रकाश आंबेडकर को सलाह- सत्ता चाहिए तो बीजेपी-शिवसेना का साथ दो
डिजिटल डेस्क, नागपुर। दलित बहुजनों को न्याय दिलाने की राजनीति को लेकर भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर पर आरपीआई नेता और केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास आठवले ने पलटवार किया है। आठवले ने कहा मैं अवसरवादी, लेकिन पेवर बुद्धिस्ट और आंबेडकरवादी हूं। बाबासाहब ने कहा था कि सत्ता मिलनी चाहिए। मैं जिसके साथ होता हूं,सत्ता मिल जाती है। वे जिनके साथ होते हैं, सत्ता नहीं मिलती है। आठवले ने यह भी कहा कि प्रकाश आंबेडकर भाजपा काे अप्रत्यक्ष लाभ दिला रहे हैं। उन्होंने सीधे भाजपा के साथ आना चाहिए। प्रकाश आंबेडकर और एएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवेसी के नेतृत्व में बनी वंचित बहुजन आघाड़ी को सत्ता से वंचित करनेवाली आघाड़ी ठहराते हुए आठवले ने कहा कि वंचित आघाड़ी से जुड़े लोगों को सत्ता चाहिए, तो वे आरपीआई व शिवसेना भाजपा गठबंधन के साथ आए। उन्हें सत्ता दी जाएगी।
आठवले गुुरुवार को रविभवन में बोल रहे थे। प्रकाश आंबेडकर ने कहा था कि आठवले सहित कई नेता अवसरवादी हैं जो दलित बहुजन समाज को न्याय दिलाने के बजाय केवल सत्ता के लिए काम कर रहे हैं। आठवले ने कहा - मैं प्रकाश आंबेडकर का सम्मान करता हूं। वे बाबासाहब आंबेडकर के परिवार से हैं। लेकिन वे जिस तरह बोल रहे हैं वह ठीक नहीं हैं। मैंने कभी किसी की व्यक्तिगत आलोचना नहीं की है। प्रकाश आंबेडकर की सभा में भीड़ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा-कुछ लोगों की सभा में लोग आते होंगे पर मत में रुपांतरण नहीं हो पाएगा। पहले हमारी भी सभाओं में भीड़ रहती थी। पत्रकार वार्ता में भूपेश थूलकर , पूर्व विधायक अनिल गोंडाने, बालू घरडे, राजन वाघमारे, भीमराव बंसोड, सुधाकर तायडे, एल.के मडावी उपस्थित थे।
यह भी कहा
- अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए, लेकिन कानून हाथ में लेकर मंदिर बनाना ठीक नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार किया जाना चाहिए। अयोध्या में मंदिर, मस्जिद और बुद्ध विहार के लिए जगह मिलने से समस्या का सही समाधान होने की संभावना है।
-शिवसेना भाजपा के साथ ही रहें। छोटा भाई , बड़ा भाई के चक्कर में आरपीआई संगठनों का नुकसान हुआ है। उस तरह नुकसान न होने दें।
-भाजपा ने मुझे राज्यसभा में भेजा। मंत्री बनाया। इसलिए भाजपा के साथ ही रहूंगा। भाजपा के चुनाव चिन्ह पर चुनाव नहीं लड़ूंगा। कांग्रेस से गठबंधन के समय भी उनके चिन्ह से चुनाव नहीं लड़ा था। शिवसेना भाजपा ने बड़े दिल के साथ मुझे दक्षिण मुंबई से लोकसभा उम्मीदवार बनाना चाहिए।
-नितीन गडकरी सक्रिय मंत्री हैं। पर अगला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही होना चाहिए। उसके बाद गडकरी को मौका देने का विचार किया जाना चाहिए।
- राज्य में आरपीआई को 6-6 माह के लिए मंत्रीपद के संबंध में मुख्यमंत्री से बात हुई थी। कल परसों फिर से यह बात उनके सामने रखूंगा।
-मुस्लिम समाज को न्याय मिलना चाहिए पर एएमआईएम की नीति ठीक नहीं है। वह मुस्लिम को हिंदुओं के विरोध में खड़ा करने का प्रयास करती है।
-उत्तरप्रदेश में कांग्रेस का मत बढ़ने का लाभ भाजपा को ही मिलेगा। प्रियंका गांधी को इंदिरा गांधी जैसे काम करना होगा। केवल इंदिरा गांधी जैसे दिखने से कुछ नहीं होगा।