एटीएस ने बरामद किया 21 करोड़ का यूरेनियम, नागपुर के एटॉमिक एनर्जी विभाग ने दर्ज कराई एफआईआर 

एटीएस ने बरामद किया 21 करोड़ का यूरेनियम, नागपुर के एटॉमिक एनर्जी विभाग ने दर्ज कराई एफआईआर 

Tejinder Singh
Update: 2021-05-06 13:56 GMT
एटीएस ने बरामद किया 21 करोड़ का यूरेनियम, नागपुर के एटॉमिक एनर्जी विभाग ने दर्ज कराई एफआईआर 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने 7 किलो से ज्यादा प्राकृतिक यूरेनियम बेंचने की कोशिश कर रहे दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बरामद यूरेनियम की कीमत 21 करोड़ रुपए से ज्यादा है। दोनों को इसी साल मार्च महीने में हिरासत में लिया गया था लेकिन उस समय इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई थी कि बरामद पदार्थ यूरेनियम है या नहीं। जांच के बाद भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर ने बरामद पदार्थ के यूरेनियम होने की पुष्टि की। जिसके बाद नागपुर स्थित एटॉमिक एनर्जी विभाग के संचालक अर्जुन पांडा की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ एटीएस की नागपाडा यूनिट में एटॉमिक एनर्जी एक्ट की धारा 24(1) (ए) के तहत एफआईआर दर्ज कराई जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। 

गिरफ्तार आरोपियों के नाम जिगर पांड्या और अबू ताहिर चौधरी है। दरअसल इसी साल 14 फरवरी को एटीएस के इंस्पेक्टर संतोष भालेकर को जानकारी मिली कि ठाणे में रहने वाला जिगर पांड्या यूरेनियम का टुकड़ा बेंचना चाहता है और इसके लिए ग्राहक खोज रहा है। पुलिस ने पांड्या को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि मुंबई के मानखुर्द इलाके में रहने वाले उसके दोस्त चौधरी ने उसे बेंचने के लिए यूरेनियम दिया था। इसके बाद पुलिस ने चौधरी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि गोवंडी इलाके में स्थित भंगार के गोदाम में उसने और यूरेनियम रखा है। छापा मारकर वहां से एटीएस ने 7 किलो 100 ग्राम यूरेनियम बरामद किया जिसकी बाजार में कीमत 21 करोड़ 30 लाख रुपए है। 

बरामद पदार्थ जांच के लिए भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर भेजा गया। वहां से आई जांच रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि बरामद पदार्थ प्राकृतिक यूरेनियम है और यह रेडियोएक्टिव है और इंसानों के लिए खतरनाक हो सकता है। एटीएस के डीआईजी शिवदीप लांडे ने बताया कि हम इस बात की छानबीन कर रहे हैं कि आरोपियों के पास यूरेनियम कैसे आया और उन्हें कैसे पता चला कि उनके पास जो पदार्थ है वह यूरेनियम है क्योंकि इसके लिए जांच की जरूरत होती है। अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि पकड़े गए आरोपियों में से एक आईटी प्रोफेशनल है। दोनों ने साथ में एमबीए की पढ़ाई की थी इसी दौरान दोनों की जान पहचान हुई थी। कोर्ट में पेशी के बाद दोनों आरोपियों को 12 मई तक एटीएस हिरासत में भेज दिया गया है।

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