विधानसभा प्रश्नोत्तर : औरंगाबाद मनपा ने चुकाया 200 करोड़ का कर्ज, अकोला में 209 अवैध मोबाईल टावर 

विधानसभा प्रश्नोत्तर : औरंगाबाद मनपा ने चुकाया 200 करोड़ का कर्ज, अकोला में 209 अवैध मोबाईल टावर 

Tejinder Singh
Update: 2021-03-09 14:18 GMT
विधानसभा प्रश्नोत्तर : औरंगाबाद मनपा ने चुकाया 200 करोड़ का कर्ज, अकोला में 209 अवैध मोबाईल टावर 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बिजली का बिल भरने और समानांतर पाइपलाइन (जलवाहिनी) बिछाने के लिए औरंगाबाद महानगर पालिका ने अपनी संपत्तियां गिरवी रखकर 200 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। इस कर्ज को अब चुका दिया गया है और संपत्तियां फिर औरंगाबाद महानगर पालिका के नाम पर हो गईं हैं। शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा में यह जानकारी दी। शिवसेना के प्रदीप जैस्वाल द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्री शिंदे ने बताया कि पैठण के जायकवाडी बांध से पानी खींचकर सप्लाई करने के चलते हर महीने साढ़े तीन करोड़ से सवा चार करोड़ रुपए का बिजली का बिल आता है। कुल 310 करोड़ रुपए का बिल था महावितरण ने 100 करोड़ रुपए का मूल बिल भरने पर 210 करोड़ ब्याज माफ करने का प्रस्ताव दिया था जिसके चलते कर्ज लेकर बिजली का बिल भरा गया था। 

औरंगाबाद का नाम बदलने केंद्र को भेजेंगे प्रस्तावः मुख्यमंत्री  

औरंगाबाद का नाम बदलने का मामला राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के पाले में डाल दिया है। लेकिन राज्य सरकार की ओर से यह प्रस्ताव फिर केंद्र के पास भेजा जाएगा। इसके लिए कानून व न्याय विभाग से कानूनी सलाह ली जा रही है। विधानसभा में भाजपा के योगेश सागर द्वारा पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जानकारी दी है कि चार मार्च 2020  को विभागीय आयुक्त की ओर से औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। लेकिन साल 1995 में नाम बदलने से जुड़ी अधिसूचना जारी होने के बाद इसे अदालत में चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई के बाद जनवरी 1996 में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री ने अपने लिखित जवाब में बताया है कि गांव शहर का नाम बदलने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है। राज्य सरकार के पास नहीं। इसलिए इस मामले में जरूरी कदम उठाने के बाद केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जाएगा। 

अकोला मनपा में 209 अवैध मोबाईल टावर 

अकोला महानगर पालिका क्षेत्र में फिलहाल क्षेत्र के 231 मोबाइल टावरों में से 209 मोबाइल टावर अवैध हैं। प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने यह जानकारी दी। भाजपा के गोवर्धन लाल शर्मा द्वारा पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में मंत्री शिंदे बताया कि अवैध 209 टावरों में से 37 के लिए संबंधित कंपनी ने मंजूरी के लिए अर्जी दी है। बाकी 172 अवैध टावर लगाने वालों को नोटिस दी गई है। 170 अवैध टावर लगाने वाली कंपनियों से 50 हजार रुपए प्रति टावर यानी 85 लाख रुपए और 39 टावरों के नवीनीकरण के लिए 30 हजार प्रति टावर के हिसाब से  11 लाख 70 हजार रुपए वसूलने की कोशिश की जा रही है।

हिंगणा-नागपुर में पीएम आवास योजना के तहत 5672 घर 

हिंगणा और नागपुर के ग्रामीण क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 5672 घरों को निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए कुल 2121 लाख रुपए की निधि वितरित की गई है। इसमें से केंद्र सरकार के हिस्से के रूप में 184.80 लाख और राज्य सरकार के हिस्से के रुप में 1936.20 लाख रुपए दिए गए हैं। विधानसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में गृहमंत्री जितेंद्र आव्हाड ने यह जानकारी दी। भाजपा के समीर मेघे के सवाल के लिखित जवाब में मंत्री आव्हाड ने निधि के अभाव में काम ठप होने के आरोपों से इनकार किया।  

 

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