औरंगाबाद के नए पालक मंत्री बने एकनाथ शिंदे, तीन हिंदी संस्थाओं को अनुदान मंजूर

औरंगाबाद के नए पालक मंत्री बने एकनाथ शिंदे, तीन हिंदी संस्थाओं को अनुदान मंजूर

Tejinder Singh
Update: 2019-01-18 13:07 GMT
औरंगाबाद के नए पालक मंत्री बने एकनाथ शिंदे, तीन हिंदी संस्थाओं को अनुदान मंजूर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश की भाजपा सरकार के चार वर्ष से अधिक के शासनकाल में औरंगाबाद को तीसरा पालक मंत्री मिला है। प्रदेश के एमएसआरडीसी तथा स्वास्थ्य मंत्री औरंगाबाद के नए पालक मंत्री बनाए गए हैं। प्रदेश के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री दीपक सावंत के इस्तीफे के बाद से ही औरंगाबाद का पालक मंत्री पद भी रिक्त था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी शिंदे को देने का फैसला किया। इसके बाद यह तय हो गया था कि शिंदे ही औरंगाबाद के नए पालक मंत्री बनेंगे। शुक्रवार को इस संबंध में  सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने परिपत्र जारी किया।

पूर्व कैबिनेट मंत्री सावंत से पहले औरंगाबाद के पालक मंत्री पद की जिम्मेदारी प्रदेश के पर्यावरण मंत्री रामदास कदम को दी गई थी, लेकिन मंत्री कदम और औरंगाबाद के सांसद चंद्रकांत खैरे के बीच तालमेल नहीं बैठ पा रहा था। औरंगाबाद में खैरे के प्रभावशाली नेतृत्व को देखते हुए शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे को उनकी बात माननी पड़ी। कदम को औरंगाबाद के पालक मंत्री पद से हटाकर नांदेड़ का पालक मंत्री बनाया गया। 

नागपुर और औरंगाबाद की तीन हिंदी की संस्थाओं को अनुदान मंजूर
प्रदेश सरकार ने हिंदी की तीन संस्थाओं को 12 हजार 600 रुपए का अनुदान मंजूर किया है। नागपुर के विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन को 5 हजार 140 रुपए और विदर्भ राष्ट्रभाषा प्रचार समिति को 3 हजार 730 रुपए स्वीकृत किए गए हैं, जबकि औरंगाबाद के महाराष्ट्र हिंदी प्रचार सभा को 3 हजार 730 रुपए मिलेंगे। शुक्रवार को सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया। इसके अनुसार वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए हिंदी की तीनों संस्थाओं को अनुदान मंजूर किए गए हैं। सरकार के मुताबिक महाराष्ट्र प्रदेश के स्थापना के बाद से ही हिंदी राष्ट्र भाषा के प्रचार के लिए तीनों स्वैच्छिक हिंदी संस्थानों को अनुदान दिया जाता है।
 

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