राममंदिर शिलान्यास से पहले खारिज हो बाबरी मस्जिद विध्वंस मामला - शिवसेना

राममंदिर शिलान्यास से पहले खारिज हो बाबरी मस्जिद विध्वंस मामला - शिवसेना

Anita Peddulwar
Update: 2020-07-22 15:01 GMT
राममंदिर शिलान्यास से पहले खारिज हो बाबरी मस्जिद विध्वंस मामला - शिवसेना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कांग्रेस-राकांपा के साथ राज्य में सरकार चला रही शिवसेना एक बार फिर हिंदुत्ववादी राजनीति की तरफ लौटती दिखाई दे रही है। पार्टी ने कहा है कि बाबरी मस्जिद गिराने का मुकदमा खारिज कर राम मंदिर आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि देनी चाहिए। पार्टी के मुखपत्र सामना में छपी संपादकीय में कहा गया है कि राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास समारोह से पहले बाबरी मस्जिद विध्वंस मामला खारिज होना चाहिए। यह राम जन्मभूमि आंदोलन के “शहीदों” को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। पार्टी ने कहा कि जब आप स्वीकार करते हैं कि (मुगल शासक) बाबर आक्रमणकारी था, तो बाबरी मामले का कोई मतलब नहीं रह जाता। राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला सुनाए जाने के बावजूद, सीबीआई ने अदालत में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले को जारी रखा हुआ है और “राम जन्मभूमि आंदोलन के नेता लालकृष्ण आडवाणी मामले में एक आरोपी के तौर पर पेश होते हैं। 

सीबीआई अदालत ने 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में पूर्व उपप्रधानमंत्री आडवाणी का बयान दर्ज करने के लिए 24 जुलाई की तारीख निर्धारित की। दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 313 के तहत 92 वर्षीय भाजपा नेता का बयान वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए दर्ज किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राम मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को ‘भूमि पूजन’ के लिए अयोध्या जाने की संभावना है। शिवसेना ने कहा कि जिस दिन बाबरी मस्जिद गिराई गई थी, उस दिन विश्व ने कई “योद्धाओं’ के चेहरे डर से काले पड़ते देखे थे। संपादकीय में शिवसेना ने दावा किया है कि तत्कालीन भाजपा उपाध्यक्ष सुंदर सिंह भंडारी ने कहा था कि यह हमने यह नहीं किया, यह शिवसेना का काम है। इसपर, दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने गरजते हुए कहा था कि अगर उनके सैनिकों ने यह किया भी है, तो उन्हें उन पर गर्व है।  

 

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