किसानों को फसल कर्ज के लिए इंकार नहीं कर सकते बैंक - खोत,  चारा छावनी पर बोले पाटील ये उद्योग नहीं

किसानों को फसल कर्ज के लिए इंकार नहीं कर सकते बैंक - खोत,  चारा छावनी पर बोले पाटील ये उद्योग नहीं

Tejinder Singh
Update: 2019-05-09 16:32 GMT
किसानों को फसल कर्ज के लिए इंकार नहीं कर सकते बैंक - खोत,  चारा छावनी पर बोले पाटील ये उद्योग नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के कृषि राज्य मंत्री सदाभाऊ खोत ने कहा है कि खरीफ फसल के लिए किसानों को कर्ज न देने वाले बैंकों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। गुरुवार को दैनिक भास्कर से बातचीत में खोत ने कहा कि यदि कोई बैंक किसानों को फसल कर्ज देने के लिए मना करती है तो उसके खिलाफ उचित कदम उठाया जाएगा। बैंक ऑफ महाराष्ट्र की तरफ से एनपीए बढ़ने के कारण औरंगाबाद, जलगांव और सोलापुर जोन की शाखाओं को परिपत्र जारी करके किसानों को फसल कर्ज नहीं देने को कहा गया है। इसे देखते हुए खोत ने कहा कि हम मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस संबंध में चर्चा करेंगे। यदि बैंक की तरफ से फसल कर्ज नहीं दिया जाता है तो केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग करेंगे। खोत ने कहा कि राज्य में सूखे की स्थिति गंभीर है। किसान अगले महीने में खरीफ फसल की बुवाई शुरू करेंगे। ऐसे में किसानों को फसल कर्ज बैंकों को उपलब्ध कराना ही पड़ेगा। 

चारा छावनी उद्योग नहीं- पाटील 

उधर प्रदेश के राजस्व तथा राहत व पुनर्वसन मंत्री चंद्रकांत पाटील ने चारा छावनियों के बकाया अनुदान पर अजब सलाह दी है। पाटील ने कहा कि चारा छावनी उद्योग नहीं है, यह सामाजिक कार्य है। इसलिए चारा छावनी चालक अपनी जेब से खर्च करके चारा छावनी शुरू रखें। सरकार अनुदान का पैसे दे रही है लेकिन यह समझना चाहिए कि चारा छावनी उद्योग नहीं है। गुरुवार को मंत्रालय में सूखे से निपटने के लिए मंत्री पाटील की अध्यक्षता वाली राज्य मंत्रिमंडल की उपसमिति की बैठक हुई। इसमें वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, जलसंसाधन मंत्री गिरीश महाजन और पशुपालन मंत्री महादेव जानकर मौजूद थे। पत्रकारों से बातचीत में पाटील ने कहा कि जलसंकट ग्रस्त इलाकों में पीने के पानी की योजनाओं को शुरू करने की अवधि बढ़ा दी गई है। इससे जलापूर्ति योजनाओं का काम अब 15 जून तक किया जा सकेगा। अभी तक यह अवधि 17 मई तक थी। पाटील ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए लागू आचार संहिता के कारण पीने के पानी की योजनाओं का टेंडर रुके हुए थे। सरकार ने टेंडर प्रक्रिया को गति देने का फैसला किया है। पाटील ने कहा कि विपक्ष को सूखे पर राजनीति करने के बजाय सुझाव देना चाहिए। पाटील ने बताया कि चारा छावनी में रहने वाले जानवरों के कान में टैग लगाए जाएंगे। 15 मई तक यह काम पूरा किया जाएगा। चारा छावनी में मौजूद 8 लाख जानवरों के कान में टैग लगाए जाएंगे। 
 

Tags:    

Similar News