भीमा-कोरेगांव हिंसा मामला : जांच आयोग के सामने 4 अप्रैल को पेश होंगे पवार 

 भीमा-कोरेगांव हिंसा मामला : जांच आयोग के सामने 4 अप्रैल को पेश होंगे पवार 

Tejinder Singh
Update: 2020-03-18 16:22 GMT
 भीमा-कोरेगांव हिंसा मामला : जांच आयोग के सामने 4 अप्रैल को पेश होंगे पवार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार आगामी 4 अप्रैल को कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले की जांच के लिए गठित जेएन पटेल समिति के सामने पेश हो कर अपनी गवाही देंगे। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री व राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने बताया कि राकांपा का पहले से ही यह मानना रहा है की भीमा-कारेगांव हिंसा सुनियोजित थी। इसके पहले राकांपा अध्यक्ष श्री पवार ने शपथ पत्र के माध्यम से अपनी भूमिका आयोग के सामने रखी थी। अब वे खुद आयोग के सामने उपस्थित होंगे। 

बुधवार को राकांपा कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मलिक ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को भी गवाही देने के लिए आयोग की तरफ से बुलाया गया था लेकिन उन्होंने सहयोग नहीं किया। पवार साहब चाहते हैं कि जांच आयोग के माध्यम से सच्चाई सबके सामने आनी चाहिए। इस लिए संसद अधिवेशन की वजह से श्री पवार 4 अप्रैल को जांच आयोग के सामने जाएंगे। राज्य जांच आयोग की अवधि 8 अप्रैल को समाप्त होने वाला है। मलिक ने कहा की सरकार की तरफ से आयोग की अवधि बढ़ाई जाएगी।   

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के एक सामाजिक संगठन ने जांच आयोग से शरद पवार को तलब करने की मांग की थी। सामाजिक संस्था विवेक विचार मंच के सदस्य सागर शिंदे ने जांच आयोग को दिए पत्र में कहा था कि बीते 18 फरवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने भीमा कोरेगांव की हिंसा को लेकर तमाम बातें कही थीं। उन्होंने एलगार परिषद की पुनः जांच की मांग के साथ ही पुणे पुलिस की भूमिका पर भी संदेह जताया था। याचिकाकर्ता संगठन ने यह भी कहा था कि भीमा कोरेगांव के केस में पवार से व्यक्तिगत रूप में गवाही देने और उनके पास मौजूद जानकारियों के लिए निजी रूप से तलब किया जाना चाहिए। इस याचिका के कुछ वक्त बाद ही जांच आयोग ने पवार को नोटिस जारी किया था।

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