पंकजा मुंडे के दबाव में बदला गया बीजेपी उम्मीदवार - रामशिंदे का निशाना, जारी है घमासान

पंकजा मुंडे के दबाव में बदला गया बीजेपी उम्मीदवार - रामशिंदे का निशाना, जारी है घमासान

Tejinder Singh
Update: 2020-05-14 12:11 GMT
पंकजा मुंडे के दबाव में बदला गया बीजेपी उम्मीदवार - रामशिंदे का निशाना, जारी है घमासान

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश भाजपा के भीतर का घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। विधान परिषद चुनाव में टिकट नहीं मिलने के कारण अब भाजपा के पूर्व मंत्री राम शिंदे की नाराजगी सामने आई है। गुरुवार को शिंदे ने ट्वीट के जरिए सीधे प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील पर निशाना साधा। शिंदे ने कहा कि प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे के दबाव में आकर पार्टी आलाकमान द्वारा घोषित अधिकृत उम्मीदवार को बदल दिया। प्रदेश भाजपा ने पार्टी के घोषित उम्मीदवार अजित गोपछडे को बदलकर रमेश कराड को उम्मीदवारी दे दी। इससे मुझे लगता है कि पार्टी पर दबाव डालकर जो पंकजा ने हासिल किया वह मैं नहीं कर सका।

शिंदे ने कहा कि विधान परिषद चुनाव के लिए भाजपा के चारों उम्मीदवारों के नामांकन के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा था कि पार्टी में जिन इच्छुक नेताओं को टिकट नहीं मिला है वे नेता खुद ही अपने आपको समझाएंगे और सीखेंगे। क्योंकि इन नेताओं ने भी कभी न कभी अपने कार्यकर्ताओं को टिकट न मिलने पर उन्हें समझाया होगा। शिंदे ने कहा कि पाटील के बयान के बाद पंकजा ने ट्वीट कर कहा कि मैं खुद ही खुद (अपने आपको) को सीखा रही हूं। सीखने के लिए मैंने शून्य से शुरुआत की है। जिसके बाद भाजपा ने अपने उम्मीदवार नांदेड़ के गोपछडे को बदलकर लातूर निवासी रमेश कराड को प्रत्याशी बना दिया। शिंदे ने कहा कि पाटील के कहने के बाद पंकजा ने दो दिनों में इतना अध्ययन किया कि कराड को उम्मीदवारी मिल गई। जबकि मेरे सहित विधान परिषद के लिए पार्टी के बाकी इच्छुक नेता अध्ययन में कम पड़ गए। शिंदे ने कहा कि अब हम पाटील के कहे के अनुसार आगे सीखेंगे।

गौरतलब है कि कराड पंकजा के कट्टर समर्थक माने जाते हैं। पंकजा की नाराजगी दूर करने के लिए भाजपा ने अचानक कराड को उम्मीदवारी देने का फैसला किया। शिंदे ने कहा कि साल 2019 के विधानसभा चुनाव में मैंने राजनीति के इतने बड़े घराने पवार परिवार के सदस्य व विधायक रोहित पवार के खिलाफ लड़ा था। इस चुनाव में मुझे हार मिली थी लेकिन मैं पिछले चुनाव से दस हजार अधिक वोट पाया था। इसलिए मैंने विधान परिषद  टिकट की मांग की थी। इससे पहले विधान चुनाव हारने के बाद से ही शिंदे नाराज चल हैं। विधानसभा चुनाव हारने का ठिकरा शिंदे ने भाजपा विधायक राधाकृष्ण विखे पाटील और उनके बेटे सांसद सुजय विखे पाटील पर फोड़ा था। शिंदे ने इन दोनों नेताओं की शिकायत विधान सभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस से की थी लेकिन इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। इससे शिंदे खफा चल रहे हैं। 

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