बूथ प्रबंधन पर खास जोर दे रही बीजेपी, लोकसभा चुनाव की तैयारी

बूथ प्रबंधन पर खास जोर दे रही बीजेपी, लोकसभा चुनाव की तैयारी

Tejinder Singh
Update: 2018-01-16 15:51 GMT
बूथ प्रबंधन पर खास जोर दे रही बीजेपी, लोकसभा चुनाव की तैयारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्र और राज्य में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए एक बार फिर से नए सिरे से जमीनी तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी के विस्तारक मोटरसाइकिल पर घूम-घूम कर हर बूथ पर नए 25 लोगों को पार्टी से जोड़ रहे हैं। खास बात यह है कि मोटरसाइकिल पर चलने वाले विस्तारक आधुनिक तकनीक से लैस हैं। पार्टी की तरफ से उनको मोबाइल उपलब्ध कराया गया है। साथ ही विस्तारकों को मानधन भी दिया जाता है। गांव-गांव तक मजबूती से पैठ बनाने के लिए बीजेपी राज्य में 1 से 6 अप्रैल के बीच बूथ चलो अभियान चलाएगी।


पार्टी की तरफ से एक मोबाइल एप भी तैयार

पार्टी सूत्रों के अनुसार हर दिन इस बात की निगरानी कि जाती है कि कितने लोगों को पार्टी से जोड़ा। इसके लिए पार्टी की तरफ से एक मोबाइल एप भी तैयार किया गया है। एप में पार्टी से जुड़ी लोगों का मोबाइल नंबर और पते सहित अन्य ब्यौरा फीड किया जाता है। इसके बाद क्रॉस चेक के लिए पार्टी के वॉररूम से संबंधित व्यक्ति को फोन किया जाता है। इस बात की छानबीन कि जाती है कि कहीं पार्टी विस्तारक ने गलत जानकारी तो नहीं फीड की है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक राज्य में लगभग 70 प्रतिशत विस्तारकों ने अपना काम पूरा कर लिया है। बचे हुए 30 प्रतिशत को जनवरी महीने के अंत तक काम पूरा करने को कहा गया है। 


फरवरी में विस्तारकों की बैठक

इससे बाद फरवरी में विस्तारकों की बैठक होगी। इसी दौरान पार्टी की विस्तारक योजनों की समीक्षा भी की जाएगी। मार्च महीने के आखिर में विधानसभा वार बूथ सम्मलेन बुलाया जाएगा। राज्य में 90 हजार बूथ हैं। राज्य की 288 विधानसभा क्षेत्रों के लिए एक-एक विस्तारकों की नियुक्ति की गई है। साल 2014  के विधासनभा चुनाव से ऐन पहले शिवसेना से गठबंधन टूटने के बाद बूथ स्तर पर पार्टी मतबूती काफी फायदा हुआ था। बीजेपी के एक नेता कहते हैं कि पार्टी में बड़ी संख्या में दूसरे दलों के नेताओं का प्रवेश हो रहा है। पार्टी राज्य में जहां पर कमजोर है, उस क्षेत्र में दूसरे दलों के नेता बीजेपी में आ जाते हैं लेकिन वह नेता अपने क्षेत्र को कार्यकर्ताओं को पार्टी से नहीं जोड़ पाते। क्योंकि कार्यकर्ता कई वर्षों से पार्टी के लिए काम करते हैं तो वे दूसरी जगह नहीं जाना चाहते। विस्तारक योजना में यह प्रयास है कि हम लोग दूसरे दलों के कार्यकर्ताओं को भी पार्टी से जोड़े। 

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