17 घंटे बाद दूर मिला नाले में डूबे युवक का का शव, परिजनों ने लाश रखकर किया प्रदर्शन
17 घंटे बाद दूर मिला नाले में डूबे युवक का का शव, परिजनों ने लाश रखकर किया प्रदर्शन
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। बुधवार की शाम 5 बजे शीतलामाई कुचबंधिया मोहल्ला स्थित नाले से बहने वाले गोलू वंशकार का शव, 17 घंटे बाद घटनास्थल से 7 किलोमीटर दूर स्नेहरनगर रिंग रोड के पास नाले में मिला। क्षेत्रीय लोगों की सूचना पर मदन महल पुलिस रेस्क्यू टीम के साथ मौके पर पहुंची और शव को बाहर निकालकर पीएम के लिए भिजवाया।
उल्लेखनीय है कि बुधवार की शाम कुचबंधिया मोहल्ला में सिद्धबाबा निवासी आकाश वंशकार, गगन और गोलू वंशकार बाइक समेत नाले में गिर गए थे। गगन तो तत्काल बाहर निकल गया था, लेकिन गोलू और आकाश तेज बहाव में बह गए थे। आकाश का शव घटना के साढ़े तीन घंटे बाद नौदरा ब्रिज के पास मिल गया था, लेकिन गोलू का पता नहीं चल सका था। जिसकी तलाश में देर रात तक खोजबीन करने के बाद रेस्क्यू टीम गुरुवार की सुबह 6 बजे से तलाशी अभियान में जुट गई थी। इस मामले में ओमती और मदन महल पुलिस ने अलग-अलग मर्ग कायम किए हैं।
दोपहर करीब 1 बजे आकाश और गोलू के शव पीएम के बाद शीतलामाई पहुंचे, जिसके बाद क्षेत्रीय लोगों के साथ कांग्रेस नेताओं ने दोनों शवों को सड़क पर रखकर नगर निगम और नाला निर्माण करने वाली कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और उचित मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। करीब दो घंटे तक प्रदर्शन करने के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद आकाश का शव करिया पाथर श्मशानघाट ले जाया गया और गोलू का शव उसके परिजन पनागर ले गए, जहां उसका अंतिम संस्कार हुआ।
सुबह से बंद रहा मार्ग
हालात को देखते हुए पुलिस ने सुबह से शाम तक घमापुर चौक से कांचघर तक का मार्ग बंद रखा, जिसके कारण दूसरे मार्गों पर यातायात का काफी दबाव रहा और इसी वजह से जगह-जगह जाम के हालात बने रहे।कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि नाला निर्माण करने वाली कंपनी एलएण्डटी ने अधूरा काम करते हुए नालों को खुला छोड़ दिया है, जिसके कारण आए दिन हादसे होते हैं। इस लापरवाही में एलएण्डटी कंपनी के साथ नगर निगम अधिकारी भी आकाश और गोलू की मौत के जिम्मेदार हैं, लिहाजा कंपनी के साथ निगम अधिकारियों के खिलाफ भी आपराधिक प्रकरण दर्ज किए जाने चाहिए। इसके अलावा लोगों की मांग थी कि मृतकों के परिजनों को नगर निगम और निर्माण कंपनी के बीच होने वाले अनुबंध के तहत मुआवजा मिलना चाहिए।