एससी से बौद्ध धर्म अपनाने वाले बुद्धिस्टों को केन्द्रीय सूची में शामिल करके अनुसूचित जाति की सुविधाएं मिले

मांग एससी से बौद्ध धर्म अपनाने वाले बुद्धिस्टों को केन्द्रीय सूची में शामिल करके अनुसूचित जाति की सुविधाएं मिले

Tejinder Singh
Update: 2022-05-31 16:15 GMT
एससी से बौद्ध धर्म अपनाने वाले बुद्धिस्टों को केन्द्रीय सूची में शामिल करके अनुसूचित जाति की सुविधाएं मिले

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले ने मंगलवार को बुद्धिस्ट धम्मगुरुओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। इस दौरान केन्द्रीय मंत्री ने राष्ट्रपति से अनुसूचित जाति वर्ग से बौद्ध धर्म अपनाने वाले बुद्धिस्टों को केन्द्रीय सूची में शामिल करके अनुसूचित जाति की सुविधाएं दिए जाने की मांग की। केन्द्रीय राज्य मंत्री के नेतृत्व में राष्ट्रपति से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में मुंबई के बुद्धिस्ट धम्मगुरु भदंत डॉ राहुल बोधि महाथेरो, भदंत विरत्न थेरो समेत अन्य भिक्खु शामिल थे। राज्य मंत्री आठवले ने भिक्खुओं की ओर से उपरोक्त मांग के संबंध में राष्ट्रपति को एक निवेदन सौंपा। इसके साथ ही उन्होंने नई दिल्ली में बौद्ध भिक्खुओं के आयोजित अधिवेशन में उपस्थित रहने का राष्ट्रपति को निमंत्रण दिया। इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल में शामिल आरपीआई के कार्याध्यक्ष विजयराजे ढमाल ने पर्यावरण को लेकर किए गए अध्ययन, पर्यावरण की मौजूदा समस्या और उससे निपटने के लिए उपाय सुझाने वाली एक रिपोर्ट भी राष्ट्रपति को सौंपी।

राष्ट्रपति से मांग करने की जरूरत ही नहीं -मेंढे

केन्द्रीय सामाजिक न्याय मंत्रालय के अधीन डॉ आंबेडकर फाउंडेशन के उपाध्यक्ष अशोक मेंढे ने मंत्रालय द्वारा अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए चलाई जा रही निशुल्क कोचिंग योजना से अनुसूचित जाति वर्ग से बौद्ध और सिख धर्म अपनाने वाले परिवारों के छात्रों को इसके लाभ से वंचित रखने के खिलाफ राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में एक पिटीशन लगाई है। उन्होंने कहा कि 1990 में हुए संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (संशोधन), 1950 के सेक्शन 3 के अनुसार अनुसूचित जाति से बौद्ध धर्म अपनाने वाले परिवारों को अनुसूचित जाति का दर्जा प्राप्त है और वे अनुसूचित वर्ग को मिलने वाली सारी सुविधाओं के लिए पात्र है। ऐसे में विभाग के ही एक मंत्री द्वारा राष्ट्रपति से मिलकर धर्मांतरित बुद्धिस्टों को एससी की केन्द्रीय सूची में शामिल करके उसकी सुविधाएं दिए जाने की मांग करना ही गलत है। उन्होंने कहा कि विभाग के मंत्री को ही इस बारे में जानकारी नहीं होना बड़ी शोकांतिका है। मंत्रालय ही एससी वर्ग से बौद्ध और सिख धर्म अपनाने वाले परिवारों के छात्रों को लाभ से वंचित रखकर संविधान का उल्लंघन कर रहा है।

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