उद्धव ठाकरे ने कहा - चलाना है तो मुंबई और नागपुर के बीच चलाओ बुलेट ट्रेन

उद्धव ठाकरे ने कहा - चलाना है तो मुंबई और नागपुर के बीच चलाओ बुलेट ट्रेन

Tejinder Singh
Update: 2018-07-23 14:23 GMT
उद्धव ठाकरे ने कहा - चलाना है तो मुंबई और नागपुर के बीच चलाओ बुलेट ट्रेन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा अध्यक्ष के अकेले चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद अब मित्रदल शिवसेना का हमला और तेज होने वाला है। पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए गए इंटरव्यू में शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नाम लिए बगैर नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर जमकर हमला बोला है। उद्धव ने कहा कि शिवसेना भारतीय जनता पार्टी नहीं बल्कि भारतीय जनता की मित्र है। शिवसेना सांसद संजय राऊत द्व्रारा लिए गए साक्षात्कार कि पहली किश्त में उद्धव अपने पूरे इंटरव्यू में भाजपा सरकार और उसके नेताओं को कोसते नजर आए हैं।

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सरकार के पक्ष में मतदान न करने के फैसले को सही ठहराते हुए उद्धव ने कहा कि जब पक्ष में मतदान करना रहता तो इतने दिनों से इस सरकार के कामकाज का विरोध क्यों करते। आज जो लोग इस सरकार का विरोध कर रहे हैं, हम पहले से विरोध में थे। नोटबंदी, जीएसटी, भूमि अधिग्रहण जैसे मामलों में हमने सरकार का विरोध किया। तब ये लोग कहां थे? 

मुंबई-नागपुर के बीच हो बुलेट ट्रेन
सरकार में रह कर उसका विरोध करने की रणनीति की बावत उद्धव ने कहा कि हम जनता के हित में सरकार के साथ बने हुए हैं। शिवसेना सरकार पर अंकुश रखने का काम कर रही है। उद्धव ने बुलेट ट्रेन परियोजना पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि इसमें कितने लोग कितने समय के लिए बैठेंगे। उन्होंने सवाल किया कि मुंबई के कितने लोगों को अहमदाबाद जाने की जरूरत पड़ती है। यदि बुलेट ट्रेन शुरु ही करना है तो मुंबई-नागपुर के बीच करो।

कालेजों में भगवत गीता बांटने के सरकार के निर्णय की आलोचना करते हुए शिवसेना पक्ष प्रमुख ने कहा कि राज्य के कुपोषण ग्रस्त बच्चों को भगवत गीता की जरूरत है अथवा अनाज की? गीता पढ़ाने की बजाय शिक्षा की हालत सुधारो। उन्होंने कहा कि यह भी देखना होगा कि यह गीता संस्कृत में है अथवा गुजराती में। उद्धव ने कहा कि खुद को चाणक्य मानने वाले इस नीति का इस्तेमाल देशहित नहीं बल्कि अपनी पार्टी हित के लिए कर रहे हैं। भाजपा का नाम लिए बगैर उद्धव ने कहा कि आप क्या लगता है कि एक ही ही देशप्रेमी हैं बाकी देशद्रोही हैं। सरकार के विरोध में बोलने वाले देशद्रोही हो गए? हम भी ऐसा करते हैं।  
 

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