महाराष्ट्र: सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने से सरकारी खजाने पर पड़ेगा 21,530 करोड़ का भार 

महाराष्ट्र: सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने से सरकारी खजाने पर पड़ेगा 21,530 करोड़ का भार 

Tejinder Singh
Update: 2018-12-05 14:36 GMT
महाराष्ट्र: सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने से सरकारी खजाने पर पड़ेगा 21,530 करोड़ का भार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर अमल करने के लिए गठित केपी बक्षी समिति ने राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट दे दी है। बुधवार को मंत्रालय में बक्षी समिति ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को रिपोर्ट सौंप दी। राज्य के लगभग 17 लाख सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों को सातवां वेतन आयोग का लाभ मिलेगा। इसको लागू करने के लिए सरकारी तिजोरी पर लगभग 21 हजार 530 करोड़ रुपए का भार पड़ेगा।

सातवें वेतन आयोग कि सिफारिश लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों को करीब 23 प्रतिशत तक वेतन वृद्धि मिल सकेगी। पत्रकारों से बातचीत में मुनगंटीवार ने कहा कि बक्षी समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों के बारे में एक समिति अध्ययन करेगी। इसके बाद अध्ययन समिति द्वारा सिफारिशों पर अमल करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल के सामने प्रस्ताव रखने पर सरकार की तरफ से अंतिम फैसला लिया जाएगा।

मुनगंटीवार ने कहा कि राज्य के सरकारी कर्मचारियों के संगठनों के हड़ताल के समय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे 1 जनवरी से लागू करने का आश्वासन दिया था। राज्य में सूखे की स्थिति है। इसलिए कर्मचारियों के संगठनों से सभी बिन्दुओं पर चर्चा करके निर्णय लिया जाएगा। मुनगंटीवार ने कहा कि सरकार सरकारी कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग को लागू करने के लिए तैयार है। मुनगंटीवार ने कहा कि सावतें वेतन आयोग को लागू करने पर सरकार की तिजोरी पर पड़ने वाले भार को कम करने के लिए सरकार गैर कर राजस्व प्राप्ति पर जोर देगी। इससे पहले प्रदेश में 22 अप्रैल 2009 को राज्य में छठवां वेतन आयोग लागू किया गया था। 

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