सीएए का डर : पुलिस ने एलजीबीटी समुदाय को रैली निकालने की नहीं दी अनुमति

सीएए का डर : पुलिस ने एलजीबीटी समुदाय को रैली निकालने की नहीं दी अनुमति

Tejinder Singh
Update: 2020-01-29 14:31 GMT
सीएए का डर : पुलिस ने एलजीबीटी समुदाय को रैली निकालने की नहीं दी अनुमति

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर में हर साल होने वाले एलजीबीटी समुदाय के क्वीर प्राइड मार्च को इस साल पुलिस ने इजाजत नहीं दी है। पुलिस को डर है कि इस मार्च के दौरान नागरिकता कानून और एनआरसी का विरोध और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी हो सकती है। इसलिए इस मार्च की इजाजत देने से पुलिस ने इनकार कर दिया है। साथ ही आयोजकों को हिदायत दी है कि अगर इलाके में कानून व्यवस्था की कोई समस्या हुई तो इसके लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाएगा। हालांकि मुंबई पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी प्रणय अशोक ने कहा कि पुलिस को रैली को लेकर कुछ चिंताएं थीं जो आयोजकों से साझा की गईं। आयोजकों ने इसे समझते हुए मार्च नहीं करने और आजाद मैदान में इकठ्ठा होने का फैसला किया। बता दे कि पुलिस से इजाजत न मिलने के बाद अब मार्च नहीं निकाला जाएगा हालांकि समुदाय के लोग अगस्त क्रांति मैदान की बजाय आजाद मैदान में इकठ्ठा होंगे।

दरअसल हमसफर ट्रस्ट की अगुआई में साल 2008 से हर साल मुंबई में एलजीबीटी समुदाय के लोग और उन्हें समर्थन देने वाले प्राइड मार्च निकालते हैं। इस साल भी 1 फरवरी दोपहर 3 बजे से यह मार्च निकाला जाना था। इसके लिए पुलिस से इजाजत मांगी गई थी। अगस्त क्रांति मैदान में इकठ्ठा होने के बाद लोग नाना चौक, कैनडी ब्रिज, ऑपेरा हाउस, सरदार पटेल मार्ग, मराठे बंधु चौक, महर्षि कर्वे मार्ग होते हुए फिर से अगस्त क्रांति मैदान में लौटते। यह इलाका गांवदेवी पुलिस स्टेशन की हद में आता है इसलिए मार्च के लिए इजाजत मांगी थी। लेकिन ह्वाट्सएप और सोशल मीडिया के जरिए कुछ लोग भ्रामक संदेश फैलाकर इस मार्च को सीएए और एनआरसी से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने हमसफर ट्रस्ट से जुड़े लोगों से बातचीत की। 

पुलिस से बातचीत के बाद आयोजक इस बात के लिए राजी हो गए कि मार्च का दुरूपयोग हो सकता है और इसे रद्द कर दिया गया। सीनियर इंस्पेक्टर राजेंद्र मोहिते ने इजाजत देने से इनकार करते हुए कहा कि मुंबई में 23 जनवरी से 6 फरवरी तक पांच या इससे ज्यादा लोगों के इकठ्ठा होने पर रोक है। साथ ही अगर रैली के दौरान सरकारी या निजी संपत्ति को किसी तरह का नुकसान हुआ तो आयोजकों को इसका जिम्मेदार ठहराकर वसूली भी की जाएगी। इजाजत मांगने वाले हरीष अय्यर ने ट्वीट कर लिखा कि हम लोकतंत्र में रहते हैं। क्वीर समुदाय के लोग भी इससे सहमत या असहमत हो सकते हैं, हम इसी समाज का हिस्सा हैं कहीं अलग थलग नहीं रहते।     

 

Tags:    

Similar News