मंत्रिमंडल के फैसले : घर में बाढ़ का पानी घुसने पर मिलेंगे 15 हजार, सिंचाई परियोजनाओं के लिए कर्ज लेगी सरकार

मंत्रिमंडल के फैसले : घर में बाढ़ का पानी घुसने पर मिलेंगे 15 हजार, सिंचाई परियोजनाओं के लिए कर्ज लेगी सरकार

Tejinder Singh
Update: 2019-08-07 15:03 GMT
मंत्रिमंडल के फैसले : घर में बाढ़ का पानी घुसने पर मिलेंगे 15 हजार, सिंचाई परियोजनाओं के लिए कर्ज लेगी सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शुरू सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए लंबी अवधि के लिए 15 हजार करोड़ रुपए के कर्ज लेने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। सरकार के इस फैसले से अगले तीन सालों में संबंधित परियोजनाएं पूरी हो सकेंगी। इससे 2.90 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता निर्माण होगी। 891 दस लाख घन मीटर पानी उपलब्ध हो सकेगा। मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार मराठवाड़ा की 7 सिंचाई परियोजनाओं के लिए 3 हजार 380 करोड़ 89 लाख रुपए दिए जाएंगे। विदर्भ के 16 सिंचाई परियोजनाओं को 3 हजार 847 करोड़ 59 लाख रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे। शेष महाराष्ट्र के 29 सिंचाई परियोजनाओं के लिए 7 हजार 771 करोड़ 52 लाख रुपए दिए जाएंगे। जिन सिंचाई परियोजनाओं को पूरा किया जाना है उनमें विदर्भ के नागपुर विभाग के रजेगावकाटी, लालनाला, चिचघाट उपसा सिंचाई योजना, दिंडोरा बैरेज, सुरेवाडा उपसा सिंचाई योजना, कोटगल बैरेज परियोजना शामिल है। अमरावती विभाग के टाकली डोलारी, वर्धा बैरज, पंढरी, गर्गा,बोर्डीनाला समेत बुलढाणा, जलगांव, उस्मानाबाद और बीड़ की सिंचाई परियोजनाओं का समावेश है। 

डीएनए लैब के लिए 26 करोड़ 

राज्य के न्याय सहायक वैज्ञानिक प्रयोगशाला निदेशालय के तहत कार्यरत डीएनए फॉरेंसिक लैब को मजबूत करने का फैसला राज्य मंत्रिमंडल ने लिया है। इससे महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले लैंगिक अत्याचार प्रकरण से संबंधित तकनीकी सबूत जल्द उपलब्ध हो सकेंगे। केंद्र सरकार के माध्यम से निर्भया निधि योजना के तहत मुंबई, पुणे, औरंगाबाद, नाशिक, अमरावती और नागपुर समेत अन्य प्रयोगशालाओं में डीएनए फॉरेंसिक लैब कार्यरत है। इन सभी लैब में सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक मशीन और साधन सामग्री खरीदने के वास्ते 26 करोड़ 85 लाख रुपए खर्च को मंजूरी दी गई है। 

घर में बाढ़ का पानी घुसने पर मिलेंगे 15 हजार

अतिवृष्टि के कारण निर्माण हुई बाढ़ जैसी स्थिति के कारण आवासीय इलाकों के घरों में पानी भरने की वजह से हुई क्षति के लिए दी जाने नुकसान भरपाई की राशि बढ़ दी गई है। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इस फैसले को मंजूरी दी। इससे प्राकृतिक आपदा के समय 2 दिन से अधिक समय तक घर पानी में डूबने, घर पूर्णरूप से बहने अथवा घरों का पूरा नुकसान होने पर ग्रामीण इलाकों में प्रति परिवार 10 हजार रुपए और शहरी इलाकों के लिए प्रति परिवार 15 हजार रुपए दिए जाएंगे। अभी तक केवल प्रति परिवार 5 हजार रुपए दिए जाते थे। मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार 26 जुलाई 2019 के बाद भारी बरसात के चलते घरों में पानी भरने के कारण जिनका नुकसान हुआ है, केवल उन्हीं को मदद मिल सकेगी। सरकार की ओर से घरों के नुकसान होने पर कपड़े, बर्तन और घरेलू समान के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। 

राज्य चुनाव कार्यालय को मंजूरी, 128 नए पद 

महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय की जगह राज्य चुनाव विभाग के रूप में स्वतंत्र विभाग बनाने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इसके लिए 128 पदों के सृजन को स्वीकृति दी गई है। भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य सरकार को पत्र भेज कर कहा था कि चुनाव का कार्य बेहद जरूरी व संवेदनशील होता है। इस लिए राज्य के मुख्य चुनाव कार्यालय में नए पद निर्मित किए जाए। राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (चुनाव शाखा) अंतर्गत कार्यान्वित मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय की जगह अब राज्य चुनाव विभाग बनाने का फैसला किया गया है। राज्य चुनाव विभाग के लिए 9 कक्ष बनाए जाएंगे। इसके तहत 128 पदों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। 

संजय गांधी निराधार योजना में अब मिलेंगे एक हजार

राज्य सरकार ने संजय गांधी निराधार योजना और श्रावणबाल सेवा निवृत्त वेतन योजना के तहत मिलने वाली अनुदान की रकम में बढ़ोतरी की है। बुधवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके पहले राज्य के वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने राज्य के अतिरिक्त बजट में इसकी घोषणा की थी। महाराष्ट्र के 32 लाख लोगों को इसका फायदा मिलेगा। संजय गांधी निराधार योजना और श्रावण बाल सेवा निवृत्त योजना के तहत लाभार्थी को हर माह 600 रुपए मिलते थे। अब इसमें 400 रुपए की बढ़ोतरी करते हुए एक हजार रुपया कर दिया गया है। इन दोनों योजनाओं के तहत विधवा लाभार्थियों को 1 एक बच्चा रहने पर 1100 व 2 बच्चा रहने पर हर माह 1200 रुपए मिलेंगे। इससे सरकारी खजाने पर सालाना 1647 करोड़ रुपए का भार पड़ेगा। राज्य के वित्तमंत्री मुनगंटीवार ने कहा कि आर्थिक रुप से कमजोर राज्य के 32 लाख लोगों को इस फैसले का लाभ मिलेगा

ग्रामीण इलाके में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को नियमित करने समिति

ग्रामीण इलाकों की सरकारी जमीन के अतिक्रमण को नियमित करने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता समिति बनाई जाएगी। इस समिति को प्राप्त होने वाले प्रस्तावों पर 15 दिन में फैसला लेने का अधिकार होगा। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल ने यह फैसला लिया। केंद्र सरकार के साल 2022 तक सभी के लिए घर नीति के तहत ग्रामीण इलाकों में बेघर परिवारों को आवास देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने अभियान शुरू किया है। इस नीति को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए ग्रामीण इलाकों की सरकारी जमीन पर निवासी प्रयोजन के लिए किए गए अतिक्रमणों को नियमित करने का अधिकार जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति के पास होगा। समिति में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नगररचना विभाग के सहायक निदेशक, भूमिअभिलेख विभाग के जिला अधीक्षक, सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग के कार्यकारी अभियंता और जिस विभाग की जमीन है उस विभाग के जिला स्तर के अधिकारी को सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा।  उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी (पंचायत) समिति के सदस्य सचिव होंगे। सरकार ने 1 जनवरी 2011 तक के निवासी इस्तेमाल के लिए अतिक्रमण को नियमित करने की मंजूरी दी है।

मुंबई में तिरुपति मंदिर के लिए जमीन
 
तिरुमला तिरुपति मंदिर को मुंबई के उपनगर बांद्रा में किराए पट्टे पर सरकारी जमीन देने के फैसले को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। तिरुमला तिरुपति मंदिर संस्था को 30 साल के लिए वार्षिक 1 रुपए नाममात्र किराया दर पर जमीन दिया जाएगा। इस जमीन का इस्तेमाल तिरुमला तिरुपति मंदिर, छोटा तिरुपति बालाजी मंदिर, सूचना केंद्र, ई-दर्शन काऊंटर, पुस्तक बिक्री केंद्र के लिए इस्तेमाल की जाएगी। तिरुमला तिरुपति मंदिर संस्था आंध्र प्रदेश चैरिटेबल एण्ड हिंदू रिलीजियस इंस्टीट्यूशन एण्ड इंडोवमेंट्स एक्ट 1987 के अंतर्गत बनाई गई है। संस्था ने बांद्रा में 648 वर्ग मीटर सरकारी जमीन बिना मूल्य के राज्य सरकार से मांगी थी। 

वर्धा के आंजी में ग्रामीण अस्पताल को मंजूरी - शासनादेश जारी 

वर्धा जिले के आंजी (मोठी) स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के स्थान पर ग्रामीण चिकित्सालय बनाया जाएगा। इस संबंध में बुधवार को राज्य के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से शासनादेश जारी किया गया। शासनादेश के अनुसार यहां नया अस्पताल बनाने का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन था जिसे अब मंजूरी दे दी गई है। अस्पताल के निर्माण के लिए जमीन का अधिग्रहण कर निर्माण कार्य के लिए प्रारुप तैयार करने का निर्देश दिया गया है।  

Tags:    

Similar News