गरीबों के लिए मुफ्त और रियायती दर पर होगा मोतियाबिंद का ऑपरेशन, अंग प्रत्यारोपण जागरुकता को लेकर भी उठाए कदम

गरीबों के लिए मुफ्त और रियायती दर पर होगा मोतियाबिंद का ऑपरेशन, अंग प्रत्यारोपण जागरुकता को लेकर भी उठाए कदम

Tejinder Singh
Update: 2019-02-04 15:21 GMT
गरीबों के लिए मुफ्त और रियायती दर पर होगा मोतियाबिंद का ऑपरेशन, अंग प्रत्यारोपण जागरुकता को लेकर भी उठाए कदम

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मोतियाबिंद और आखों की बीमारी से ग्रस्त गरीब व कमजोर तबके के मरीजों को अब ट्रस्ट के अस्पताल में मुफ्त और चिकित्सा केंद्रों में रियायती दर पर ऑपरेशन का लाभ मिल सकेगा। इसके लिए महाराष्ट्र सार्वजनिक विश्वस्त (ट्रस्ट) व्यवस्था अधिनियम-1950 में संशोधन करने का फैसला राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। सोमवार को मंत्रिमंडल ने अधिनियम में संशोधन के विधेयक को विधानमंडल में पेश करने को मंजूरी भी दी। ट्रस्ट के अधिनियम में गरीब और कमजोर वर्गों के मरीजों को मुफ्त व रियायती दर पर चिकित्सा उपचार के लिए योजना मंजूर है। इसके तहत ट्रस्ट के अस्पतालों को 10 प्रतिशत बेड गरीबों और 10 प्रतिशत बेड कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित रखना अनिर्वाय होता है लेकिन नसबंदी या फिर मोतियाबिंद के ऑपरेशन (इंट्रा ओकुलर) के लिए ट्रस्ट अस्पतालों के आरक्षित बेड का लाभ नहीं लिया जा सकता है। अब सरकार ने अधिनियम में संशोधन करके इंट्रा ओकुलर शब्द को हटाने का फैसला किया है। इससे मोतियाबिंद जैसी आख की गंभीर बीमारी से पीड़ित गरीबों को मुफ्त व कमजोर वर्गों के मरीजों को रियायती दर पर ऑपरेशन का लाभ मिल सकेगा। इसके साथ ही अस्पताल के सामान्य मरीजों द्वारा अदा की जानी वाली राशि में से 2 प्रतिशत राशि का उपयोग गरीब और कमजोर तबके के मरीजों के लिए किया जाएगा। 

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