खाली जगह पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर सालाना 107 करोड़ बचाएगी मध्य रेलवे

खाली जगह पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर सालाना 107 करोड़ बचाएगी मध्य रेलवे

Tejinder Singh
Update: 2020-08-02 13:05 GMT
खाली जगह पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर सालाना 107 करोड़ बचाएगी मध्य रेलवे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मध्य रेलवे ने अपनी खाली पड़ी जमीनों का इस्तेमाल सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा के जरिए बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन की योजना बनाई है जिससे सालाना 107 करोड़ रुपए की बचत होगी। इसके लिए ऐसी जमीनों की पहचान कर ली गई है जिनका लंबे समय तक किसी विस्तार योजना के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना है। इसके अलावा रेलवे परिसरों की छतों पर भी सौर ऊर्जा के निर्माण के लिए प्लांट लगाए जा रहे हैं। मध्य रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि रेल पटरियों के पास स्थित खाली जमीनों और खाली परिसरों की पहचान कर ली गई है। यहां सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर सालाना 214 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। जिससे मध्य रेलवे सालाना 107 करोड़ रुपए की बचत करेगी। इसके अलावा रेलवे स्टेशनों और अन्य भवनों की छतों पट भी सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया जा रहा है। मध्य रेलवे ने अपने पांच मंडलों और चार कारखानों में फैली 14.379  मेगा-वाट पीक (एमडब्लूपी) क्षमता को एकत्रित करने वाली रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए योजना बनाई है। जिसमें से 4.92 एमडब्लूपी के संयंत्रों को छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, पुणे स्टेशन के साथ कार शेड, कार्यशालाओं और प्रशासनिक व सेवा भवनों सहित विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफार्मों के ऊपर लगाया जा चुका है। इससे 6.4 मिलियन यूनिट ऊर्जा का उत्पादन होता है  जिसके चलते सालाना 4 करोड़ 10 लाख रुपए की बचत हो रही है। सभी संयंत्रों के शुरू हो जाने पर 7 करोड़ 37 लाख रुपए की बचत होगी।

पवन ऊर्जा से भी बन रही बिजली

पवन ऊर्जा संयंत्र लगाकर भी मध्य रेलवे अपनी खाली पड़ी जमीनों का इस्तेमाल बिजली बनाने के लिए कर रहीं है। सांगली में 50.4 मेगावाट की पवन चक्कियों की लगाई गई हैं। इससे अब तक, 67.76 मिलियन यूनिट ऊर्जा प्राप्त हुई है, जिससे 39 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

 

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