आरक्षण की सीमा का दायरा बढ़ाने के मसले पर दबाव बनाने दिल्ली में कई नेताओं से मिले चव्हाण

आरक्षण की सीमा का दायरा बढ़ाने के मसले पर दबाव बनाने दिल्ली में कई नेताओं से मिले चव्हाण

Tejinder Singh
Update: 2021-07-21 15:21 GMT
आरक्षण की सीमा का दायरा बढ़ाने के मसले पर दबाव बनाने दिल्ली में कई नेताओं से मिले चव्हाण

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भले ही आरक्षण की सीमा 50 फीसदी तय कर दी हो, लेकिन केन्द्र सरकार आरक्षण की इस सीमा के दायरे को बढ़ा सकती है। संसद के मानसून सत्र के दौरान केन्द्र सरकार इस दिशा में आवश्यक कानूनी कदम उठाए, इस मांग को लेकर दबाव बनाने की दृष्टि से मराठा आरक्षण पर राज्य सरकार की उप समिति के प्रमुख एवं महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने यहां दिल्ली में कई नेताओं से मुलाकात कर उनसे चर्चा की।

चव्हाण ने कहा कि राज्य की महाविकास आघाडी सरकार की मांग है कि केन्द्र राज्यों को केवल एसईबीसी घोषित करने का अधिकार नहीं बल्कि वह इसके साथ आरक्षण की सीमा का दायरा भी बढ़ाएं। एसईबीसी घोषित करने का अधिकार चाहे केन्द्र के पास हो या राज्य के पास, आरक्षण की सीमा बगैर बढाए मराठा को आरक्षण नहीं दिया जा सकता। इस स्थिति को देखते हुए केन्द्र सरकार ने आवश्यक कानूनी कदम उठाकर आरक्षण पर लगाई गई 50 फीसदी की सीमा को हटाना चाहिए। इस आशय की सिफारिश करने वाला प्रस्ताव राज्य विधानमंडल के हाल ही में संपन्न हुए मानसून सत्र के दौरान पारित किया गया है।

इस संबंध में किए जा रहे प्रयासों की अगली कड़ी के रुप में मंगलवार को दिल्ली पहुंचे, अशोक चव्हाण ने यहां राज्यसभा में विपक्ष नेता मल्लिकार्जुन खडगे, पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य पी चिंदबरम के अलावा उन्होंने शिवसेना सांसद संजय राऊत से उनके निवास स्थान में जाकर मुलाकात की। इससे पहले उन्होंने इस सिलसिले में राकांपा सुप्रीमो शरद पवार से भी मुंबई में मुलाकात की थी।

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