मुख्यमंत्री ने कहा - बड़ी लड़ाई जीते, प्रतिशत घटाने को देंगे चुनौती, जानिए फैसले पर जानकारों की राय

मुख्यमंत्री ने कहा - बड़ी लड़ाई जीते, प्रतिशत घटाने को देंगे चुनौती, जानिए फैसले पर जानकारों की राय

Tejinder Singh
Update: 2019-06-27 15:49 GMT
मुख्यमंत्री ने कहा - बड़ी लड़ाई जीते, प्रतिशत घटाने को देंगे चुनौती, जानिए फैसले पर जानकारों की राय

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठा आरक्षण पर हाईकोर्ट की मुहर के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुशी जताते हुए कहा कि सरकार ने एक बड़ी लड़ाई जीती है। उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण को नुकसान पहुंचाए बिना मराठा समाज को शैक्षणिक और सामाजिक आरक्षण दिया गया है। उन्होंने इसके लिए दोनों सदनों के सदस्यों, न्यायालय और कानून बनाने में मदद करने वाले अधिकारियों को धन्यवाद दिया। विधानसभा में मुख्यमंत्री ने सदस्यों को बताया कि हाईकोर्ट ने विधानमंडल के कानून बनाने के अधिकार को स्वीकार किया है। मराठा आरक्षण कानून के आगे टिके इसके लिए हमने पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया। आयोग ने मराठा समाज के पिछड़ेपन पर विस्तृत रिपोर्ट दी। इस आयोग को राज्यसरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी को भी हाईकोर्ट ने स्वीकार किया। अपवादात्मक और विशेष परिस्थितियों में 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण देने के राज्य सरकार के अधिकार को भी हाईकोर्ट ने स्वीकार किया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने मराठा समाज को 16 फीसदी आरक्षण दिया था। लेकिन हाईकोर्ट ने नौकरी में 13 फीसदी और शिक्षा में 12 फीसदी आरक्षण की सिफारिश की है। अदालत ने फैसले को स्थगित करने के याचिकाकर्ता की मांग को भी स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि पिछड़ावर्ग आयोग के अध्यक्ष और सभी सदस्यों ने इसके लिए काफी मेहनत की और कम समय में अपना काम पूरा किया। इसके लिए मंत्री चंद्रकांत पाटील की अध्यक्षता में समिति स्थापित की गई थी। इस समिति ने भी अच्छा काम किया।  

धर्म के नाम पर आरक्षण नहीं

मराठा समाज को मिले आरक्षण पर हाईकोर्ट की मुहर के बाद विधानसभा में एक बार फिर मुस्लिम समाज को आरक्षण की मांग उठी। कांग्रेस के नसीम खान, सपा के अबू आसिम आजमी और एमआईएम के वारिस पठान ने मुस्लिम समाज के पिछड़ेपन का मुद्दा उठाते हुए आरक्षण की मांग की लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 फीसदी आरक्षण दिया गया है। इसका लाभ मुस्लिम समाज को भी मिल रहा है लेकिन संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं है। हिंदू समाज में जाति प्रथा के चलते कुछ लोगों से सामाजिक भेदभाव किया गया आरक्षण की व्यवस्था हिंदुओं के लिए नहीं बल्कि पिछड़ी जातियों के लिए है। मुस्लिम और ईसाई समुदाय में जाति की व्यवस्था नहीं है। इसके बावजूद पिछड़े वर्ग के मुस्लिम समुदाय को ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलता है।  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण के मुताबिक हाईकोर्ट द्वारा मराठा आरक्षण पर मुहर लगाए जाने पर हम अदालत के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। यह सकल मराठा समाज के संघर्ष की जीत है। अब सरकार को धनगर व मुस्लिम आरक्षण की बाबत भी फैसला लेना चाहिए।

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