सीएम की केंद्र से मांग: पीपीई किट-वेंटिलेटर की जरुरत, महाराष्ट्र में फंसे दूसरे राज्यों के मजदूरों के लिए चलाएं स्पेशल ट्रेन

सीएम की केंद्र से मांग: पीपीई किट-वेंटिलेटर की जरुरत, महाराष्ट्र में फंसे दूसरे राज्यों के मजदूरों के लिए चलाएं स्पेशल ट्रेन

Tejinder Singh
Update: 2020-04-22 04:14 GMT
सीएम की केंद्र से मांग: पीपीई किट-वेंटिलेटर की जरुरत, महाराष्ट्र में फंसे दूसरे राज्यों के मजदूरों के लिए चलाएं स्पेशल ट्रेन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र सरकार से कहा है कि लॉकडाउन की वजह से महाराष्ट्र में फंसे मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था हो सकती है क्या? राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र आई केंद्रीय टीम से इस बारे में विचार करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार को लगता है कि 30 अप्रैल के बाद 15 मई तक कोरोना का प्रभाव बढ़ने वाला है, तो यहां फंसे दूसरे राज्यों के मजदूरों को उनके घर भेजने की व्यवस्था की जाए। 

दरअसल केंद्रीय अतिरिक्त सचिव मनोज जोशी की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यों की केंद्रीय टीम महाराष्ट्र आई हुई है। मंगलवार को मुख्यमंत्री ठाकरे ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से इस टीम के साथ चर्चा की। इस दौरान मुख्यमत्री ने केंद्रीय टीम के सामने यह मांग रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार दूसरे राज्यों के मजदूरों के रहने- खाने की व्यवस्था कर रही है लेकिन वे अपने घर जाना चाहते हैं। इसको लेकर वे आंदोलन पर उतारु हो जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार सारी एहतियात बरतते हुए मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने पर विचार करे। 

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 80 फीसदी कोरोना मरीजों में लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं। दुनियाभर में इसको लेकर क्या स्थिति है। महाराष्ट्र में कोरोना विषाणु का प्रसार दुबई व अमेरिका से हुआ है। अमेरिका की स्थिति पता है, लेकिन दुबई में इसके इलाज के लिए क्या किया जा रहा है, यह पता नहीं है। इसका अध्ययन करने की जरुरत है। उद्धव ने कहा कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र सरकार की मांगे पूरी करे। हमें पीपीई किट, वेंटिलेटर आदि की जरुरत है। 

बगैर राशन कार्ड के मिले अनाज

मुख्यमंत्री ने अनाज वितरण के लिए  नियमों को शिथिल करने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि जिसके पास राशन कार्ड नहीं है उसे भी अनाज देने के लिए नियमों में छूट दी जाए। गर्मी बढने के साथ तैयार खाना जल्द खराब होगा। इस लिए पका भोजन की बजाय जरुरतमंदों को अनाज दिया जाना बेहतर होगा। अनाज वितरण की जिम्मेदारी राज्य सरकार उठाएगी।   
 

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