स्वच्छता का संदेश देने सड़कों पर निकले कलेक्टर-कमिश्नर, महापौर : दिलाई शपथ

स्वच्छता का संदेश देने सड़कों पर निकले कलेक्टर-कमिश्नर, महापौर : दिलाई शपथ

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-16 08:07 GMT
स्वच्छता का संदेश देने सड़कों पर निकले कलेक्टर-कमिश्नर, महापौर : दिलाई शपथ

डिजिटल डेस्क  छिंदवाड़ा। स्वच्छता का संदेश देने शुक्रवार को शहर की सड़कों पर जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासनिक अधिकारी रैली के रुप में निकले। विशेष जागरुकता और श्रमदान पखवाड़ा के अंतर्गत स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के अंतर्गत फव्वारा चौक में कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस दौरान सभी को स्वच्छता की शपथ दिलाई गई और इसके बाद एक रैली निकाली गई। जिसमें महापौर कांता योगेश सदारंग, कलेक्टर जेके जैन, कमिश्नर इच्छित गढ़पाले, एसडीएम राजेश शाही, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष कन्हईराम रघुवंशी, निगम अध्यक्ष धर्मेन्द्र मिगलानी, सभापति विजय पांडे, अभिलाष गौहेर, संतोष राय व अन्य शामिल हुए। स्वच्छता का संदेश देते हुए रैली निकाली गई। जन जागरूकता रैली फव्वारा चौक,  गोल गंज, पुराना छापाखाना, बुधवारी, अनगढ़ हनुमान मंदिर, कीर्ति स्तंभ से होते हुए फव्वारा चौक पर समाप्त हुई। विशेष जागरूकता और श्रमदान पखवाडा का समापन आगामी 2 अक्टूबर को होगा ।
इन्होंने किया संबोधित
फव्वारा चौक में हुए आयोजन में पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष कन्हईराम रघुवंशी ने कहा कि ग्रीन छिंदवाड़ा क्लीन छिंदवाड़ा के लिए अभियान चल रहा है। हमे इस बार कांस्य पदक मिला है हम प्रयास करेंगे कि इस बार स्वर्ण पदक मिले। महापौर कांता योगेश सदारंग ने कहा कि नगरनिगम कर्मचारी-अधिकारी और जनप्रतिनिधियों  के अलावा विशेष तौर पर शहर की जनता का हमको पूरा सहयोग मिल रहा है। हमें और जनता को सहयोग करते हुए निर्धारित स्थानों पर कचरा फेंकना चाहिए, पॉलीथिन का उपयोग नहीं करते हुए अभियान में शामिल होना है तभी हमारा शहर नंबर वन बनेगा। कलेक्टर जेके जैन ने कहा कि स्वच्छता से जहां हमारा परिवेश स्वच्छ और निर्मल होगा, वहीं पर्यावरण का संरक्षण भी होगा। उन्होंने आव्हान किया कि सभी स्वच्छता के संकल्प को सिध्दि तक ले जाए। कार्यक्रम का संचालन सभापति अभिलाष गौहेर ने किया और आभार प्रदर्शन विजय पांडे ने किया।
नाराज हुए सभापति
स्वच्छता सर्वेक्षण का संदेश देने जब रैली कार्यक्रम स्थल पर पहुंची तो बहुत से कर्मचारी रैली को अधूरे में छोड़कर आकर बैठ गए थे। इस बात से एक जनप्रतिनिधि नाराज हुए और समझाइश दी कि यह शासकीय कार्यक्रम है जिसमें जनप्रतिनिधि और कर्मचारियों को मिलकर काम करना है।

 

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