प्रैक्टिकल के अंक समय पर यूनिवर्सिटी को नहीं भेजे, लापरवाह कॉलेज प्रबंधन पर लगा 50,000 का जुर्माना

प्रैक्टिकल के अंक समय पर यूनिवर्सिटी को नहीं भेजे, लापरवाह कॉलेज प्रबंधन पर लगा 50,000 का जुर्माना

Anita Peddulwar
Update: 2019-08-03 12:52 GMT
प्रैक्टिकल के अंक समय पर यूनिवर्सिटी को नहीं भेजे, लापरवाह कॉलेज प्रबंधन पर लगा 50,000 का जुर्माना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रैक्टिकल परीक्षा के अंक समय पर विश्वविद्यालय को न भेजने और बाद में इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट से भी गैर हाजिर रहने पर नई मुंबई के एक कॉलेज पर 50 हजार रुपए का का जुर्माना लगाया है। कॉलेज को जुर्माने की रकम में से 25 हजार रुपये पीड़ित छात्रा को जबकि 25 हजार रुपये मुंबई विश्वविद्यालय में जमा करने के लिए निर्देश दिया गया है।

न्यायमूर्ति आर एम बोर्डे व न्यायमूर्ति एन जे जमादार की खंडपीठ ने यह निर्देश एलएलबी कि पढ़ाई पूरी कर चुकी छात्र रीमा रोड्रिग्स की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। रोड्रिग्स ने याचिका में दावा किया था कि उसने एलएलबी की पढ़ाई पूरी कर ली है लेकिन अब तक उसके एलएलबी के दूसरे व तीसरे सेमिस्टर का रिजल्ट नहीं घोषित किया किया जा सका है, जबकि वह प्रैक्टिकल परीक्षा में पास है।  रिजल्ट घोषित न किए जाने के चलते वह बार काउंसिल में वकील के रूप में अपना पंजीयन नहीं करवा पा रही है।   वहीं मुंबई विश्विद्यालय की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि छात्रा मुंबई के महात्मा गांधी मिशन लॉ कॉलेज की विद्यार्थी है।

कॉलेज की ओर से छात्रा के प्रैक्टिकल परीक्षा के अंक नियत समय पर विश्वविद्यालय को नहीं भेजे गए, इसलिए उसके रिजल्ट को रोका गया है। इस पर छात्रा के वकील ने खंडपीठ से सामने कहा कि कॉलेज के जिस स्टाफ ने इस मामले में लापरवाही बरती थी उसके खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। इस दलील को सुनने के बाद खंडपीठ ने कॉलेज को नोटिस जारी किया लेकिन कॉलेज की ओर से कोई कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ। इससे नाराज खंडपीठ ने कहा कि कॉलेज की गलती के लिए विद्यार्थी को दंडित नहीं किया जा सकता है। खंडपीठ ने मुंबई विश्वविद्यालय को याचिकाकर्ता छात्रा का रिजल्ट घोषित कर उसे मार्कशीट प्रदान करने का निर्देश देते हुए छात्रा के कॉलेज पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। 

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