जबलपुर : धोखे से हड़पी हाउसिंग सोसायटी की जमीन, सुनवाई करने भोपाल से आए अधिकारी
जबलपुर : धोखे से हड़पी हाउसिंग सोसायटी की जमीन, सुनवाई करने भोपाल से आए अधिकारी
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। दशकों पहले एक परिवार ने अपने करीबियों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर गढ़ा क्षेत्र में कुछ एकड़ जमीन खरीदी। भूमि को विकसित करने के लिए बकायदा एक हाउसिंग सोसायटी गठित की गई। समिति पर कोई संकट आए और किसी भी प्रकार के कानूनी दांव पेंच से निपटने के लिए जिस व्यक्ति को मददगार नियुक्त किया गया। उसी ने षणयंत्र करके सोसायटी सदस्यों के साथ विश्वासघात कर दिया। मामले की शिकायत जब सहकारिता विभाग के उच्चाधिकारियों तक पहुंची तो रविवार को भोपाल से विभाग के एक आला अधिकारी जबलपुर पहुंचे और छानबीन शुरु कर दी।
पता चला है कि निवाड़गंज की रहने वाली जागृृति शुक्ला ने इसी पर्ष मुख्यमंत्री से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक से हाउसिंग सोसायटी में गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। जिसके बाद रविवार को भोपाल से सहकारिता विभाग के ज्वाइंट रजिस्ट्रार अरविंद सेंगर सिविक सेंटर स्थित कार्यालय पहुंचे और उन्होंने शिकायत पर सुनवाई करते हुए मामले से जुड़े पक्षों के कथन लिए। उन्होंने बताया कि जल्द ही शिकायत का निराकरण कर दिया जाएगा।
शिकायत में कहा गया था कि वर्ष 1965 में शिकायतकर्ता के ससुर स्व. बालकृष्ण शुक्ला व परिजनों ने गंगा नगर गढ़ा में करीब चार एकड़ भूमि खरीदी थी। आवासीय प्रयोजन के तहत इस जमीन को उन्होंने ज्योति गृह निर्माण समिति के नाम पर खरीदा था। इसी के अंतर्गत उन्होंने टीएण्डसीपी से विधिवत ले-आउट भी स्वीकृत कराया था। शिकायतकर्ता ने बताया कि उनके ससुर के अलावा अन्य फाउंडर मेंबर्स समय-समय पर समिति में पदाधिकारी भी रहे।
आग्रह करने पर सदस्य बनाया, बाद में खुद बन बैठे अध्यक्ष
उन्होंने कहा कि उनके घर के समीप आजाद जैन अज्जू नामक एक व्यक्ति चाय की दुकान लगाते थे, जिन्होंने उनके ससुर से समिति का सदस्य बनाने का आग्रह किया। अज्जू को सदस्य बना भी लिया गया और इसके बाद उन्होंने राजेश चौधरी को समिति का कानूनी कामकाज संभालने की सलाह दी। शिकायतकर्ता ने कहा कि उनके ससुर ने राजेश चौधरी को नियुक्त कर लिया। इसी बीच शिकायतकर्ता के ससुर का निधन हो गया और मौके का फायदा उठाते हुए राजेश चौधरी ने अपने परिचित आजाद जैन को समिति का अध्यक्ष बना दिया और सारे दस्तावेज अपने कार्यालय में रखवा लिए। शिकायतकर्ता का आरोप है कि संस्था में नियुक्त किए गए श्री चौधरी ने षणयंत्र पूर्वक कब्जा कर लिया।
मानसिक दबाव बनाया, बिना सूचना करवा लिए चुनाव
वहीं जब शिकायतकर्ता की सास तारादेवी समिति की अध्यक्ष बनीं तो उनपर गलत तरीकों से मानसिक दबाव बनाने के लिए मन गढंत पत्र भेजने शुरु कर दिए गए। इसके अलावा ज्योति शुक्ला का यह भी आरोप है कि संस्था का कानूनी कामकाज देखने वाले श्री चौधरी ने फाउंडर मेमर्ब को सूचित किए बिना ही समिति के चुनाव भी करवा लिए और अपना नाम संस्थापक सदस्य के रुप में शामिल करवा लिया। जबकि सोसायटी का गठन सिर्फ परिचितों के बीच किया था और इसके तमाम सदस्य आपस में रिश्तेदार थे।
शिकायतकर्ता का कहना है कि श्री चौधरी का उनके परिवार से कोई संबंध नहीं था और उन्हें सिर्फ समिति का कानूनी कामकाज देखने के लिए नियुक्त किया था। उनका आरोप है कि अब षणयंत्र रचकर जमीन हड़पने की कोशिश की जा रही है, जिसकी जांच कर संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए।