12 जिलों में कोरोना जांच लैब नहीं, जरुरत जानने सरकार ने बनाई कमेटी, रिपोर्ट मिलने के बाद लेंगे फैसला

12 जिलों में कोरोना जांच लैब नहीं, जरुरत जानने सरकार ने बनाई कमेटी, रिपोर्ट मिलने के बाद लेंगे फैसला

Tejinder Singh
Update: 2020-06-05 12:28 GMT
12 जिलों में कोरोना जांच लैब नहीं, जरुरत जानने सरकार ने बनाई कमेटी, रिपोर्ट मिलने के बाद लेंगे फैसला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना जांच के लिए लैब की जरूरत का पता लगाने के लिए एक कमेटी गठित की गई है। जिसकी रिपोर्ट मिलने के बाद लैब स्थापित करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। शुक्रवार को राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुम्भकोणी ने बॉम्बे हाईकोर्ट को यह जानकारी दी हैं। उन्होंने कहा कि इस विषय पर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के दिशा- निर्देशों को भी देखा जा रहा है। इसके अलावा कोरोना जांच के लिए माइक्रोबायोलॉजी लैब बनाने जरुरी मानकों का पालन करना जरूरी है। फिलहाल 78 लैब स्थापित किए जा चुके हैं। हाईकोर्ट में रत्नागिरी निवासी खलील अहमद की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील राकेश भाटकर ने कहा कि 78 में से 55 लैब मेट्रोपोलिटन शहरों में है। इसके अंतर्गत मुंबई में 22, पुणे में 19,नागपुर में 8 और ठाणे में 6 लैब हैं। बाकी लैब अन्य जगहों पर है। 

राज्य के 12 जिलों में लैब नहीं

उन्होंने कहा कि राज्य के 12 जिलों में लैब नहीं हैं। जबकि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के दिशा- निर्देशों के मुताबिक जहां रोजाना कोरोना के 100 संदिग्ध मरीज पाए जाते हैं, वहां लैब होना चाहिए। इसका अर्थ यह नहीं लगाया जाना चाहिए कि जहां 100 संदिग्ध मरीज नहीं हैं तो वहां लैब ही न बनाई जाए। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया। 
 

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