23 फरवरी तक हटाए जाएं अवैध होर्डिंग, सरकार को सख्त निर्देश 

23 फरवरी तक हटाए जाएं अवैध होर्डिंग, सरकार को सख्त निर्देश 

Tejinder Singh
Update: 2018-01-12 15:58 GMT
23 फरवरी तक हटाए जाएं अवैध होर्डिंग, सरकार को सख्त निर्देश 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अवैध होर्डिंग पर रोक को लेकर सरकार के रवैए से असंतुष्ट बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि होर्डिंग हर शहर को कुरुप बना रही है। अवैध होर्डिग को हटाने के संबंध में दिया गया अदालत का निर्देश सरकार की स्मार्ट सिटी अवधारणा के पक्ष में है फिर भी सरकार ने ऐसी होर्डिंग हटाने को लेकर कमेटी बनाने के अलावा कुछ नहीं किया है। अदालत ने कहा है कि सरकार आश्वस्त करे कि 23 फरवरी तक सभी अवैध होर्डिंग, पोस्टर व बैनर हटा दिए जाए। अवैध होर्डिंग के विषय में सरकार के रुख से खिन्न न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति एए सैय्यद की खंडपीठ ने कहा कि हम सभी महानगरपालिकाओ व स्थानीय निकायों को इस मामलें में जवाब देने के लिए एक अाखरी मौका दे हैं। यदि अगली सुनवाई के दौरान सभी महानगरपालिकाओं ने हलपनामा दायर नहीं किया तो हमारे पास न्यायालय की अवमानन कानून के तहत सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। 

प्रभावी व्यवस्था बनाने सहित कई निर्देश

हाईकोर्ट ने पिछले साल विभिन्न विभागों के अधिकारायों को अवैध होर्डिंग हटाने के लिए प्रभावी रुप से काम करने, ऐसी होर्डिंग के विषय में शिकायत के लिए प्रभावी व्यवस्था बनाने सहित कई निर्देश दिए थे। इसके साथ ही पुलिस आयुक्त को अवैध होर्डिंग हटाने के लिए जानेवाले मनपाकर्मियों को हथियारों से लैस दो कांस्टेबल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। लेकिन सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने पाया कि अदालत के निर्देश के तहत सरकार ने सिर्फ एक कमेटी बनाई है। इस कमेटी ने सरकार को क्या रिपोर्ट दी है और अब तक क्या किया है इसकी जानकारी भी अदालत में पेश नहीं की गई है। इसके साथ ही अदालत में सिर्फ नाशिक व अमरावती महानगरपालिका ने अवैध होर्डिंग को लेकर हलफनामा दायर किया है। अदालत ने कहा कि हम सरकार के रवैए से खुश नहीं है। 

हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर

अवैध होर्डिंग के खिलाफ सामाजिक संस्था सुस्वाराज फाउंडेशन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता के वकील उदय वारुंजेकर ने कहा कि अदालत के निर्देश के बावजूद आज हर जगह अवैध होर्डिंग नजर आ रही है। सरकारी व स्थानीय निकाय के अधिकारी अवैध होर्डिंग पर शिकंजा कसने मे विफल रहे है। इस बीच सरकारी वकील ने कहा कि हमे अदालत के निर्देशों का पालन करने के लिए थोडा वक्त दिया जाए। इस पर खंडपीठ ने कहा कि हम सरकार को तब तक अतिरिक्त समय नहीं देगे जब तक हमे यह नहीं बताया जाएगा कि सरकार ने अब तक अवैध होर्डिंग के विषय में क्या किया है। हाईकोर्ट ने फिलहाल मामले की सुनवाई 23 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी है। 

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