हाईकोर्ट ने कहा- सीएसएमटी पुल हादसा आंख खोलने वाला, एक और इंजिनियर गिरफ्तार 

हाईकोर्ट ने कहा- सीएसएमटी पुल हादसा आंख खोलने वाला, एक और इंजिनियर गिरफ्तार 

Tejinder Singh
Update: 2019-04-02 14:42 GMT
हाईकोर्ट ने कहा- सीएसएमटी पुल हादसा आंख खोलने वाला, एक और इंजिनियर गिरफ्तार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) के पादचारी पुल हादसे को आंख खोलने वाली घटना के रुप में देखा जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने मुंबई महानगरपालिका को पुलों के आडिट, मरम्मत व रखरखाव के लिए नए सिरे से नीति बनाने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटील की खंडपीठ ने कहा कि मनपा ज्यादा इस्तेमाल में होनेवाले पुलों के नियमित आडिट का काम विशेषज्ञ संस्था भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई (आईआईटी) व वीजेटीआई को सौपने पर विचार करे। इसके अलावा टेंडर में ऐसी शर्ते व नियम रखी जाए कि काम में महारत रखने वाले ठेकदारों को ही काम मिले। खंडपीठ ने कहा कि जब मनपा पुलो की देखरेख के लिए करोड़ो रुपए खर्च करती है तो वह कार्य की गुणवत्ता पर भी जोर दे और पुलो के आडिट के लिए निजी संस्थाओं पर निर्भर रहने की बजाय अपनी नीति में बदलाव करे। मनपा अपने चीफ इंजीनियर की इस विषय पर जवाबदेही तय करे। साथ ही  उससे नियमित अंतराल पर पुलो का आडिट कराए। मनपा सीएसटी पुल हादसे को आंख खोलनेवाली घटना के रुप में देखे। 

सीएसटी पुल हादसा आंख खोलने वाली घटना

पिछले महीने सीएसटी में हुए पुल हादसे में 6 लोगों की जान चली गई थी जबकि 31 लोग घायल हो गए थे। खंडपीठ के सामने समाजिक कार्यकर्ता शकील अहमद की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में इस पूरे मामले की हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराने व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है । इससे पहले मनपा के वकील ने कहा कि हमने इस प्रकरण में जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की है। 

सीएसटी पुल हादस में एक और इंजिनियर गिरफ्तार 

छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के करीब स्थित हिमालय पुल दुर्घटना के मामले में आजाद मैदान पुलिस ने एक और इंजीनियर को गिरफ्तार कर लिया है। कार्यकारी अभियंता अनिल पाटील  को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया। इससे पहले सोमवार को गिरफ्तार किए गए सहायक अभियंता एसएफ ककुलते को मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे 5 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। गिरफ्तार दोनों इंजीनियर मुंबई महानगर पालिका के पुल विभाग में कार्यरत थे। हादसे की प्राथमिक जांच के बाद दोनों को निलंबित कर दिया गया था। डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे ने बताया कि जांच में यह साफ हुआ कि दोनों ने अपने काम में लापरवाही बरती है जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया है। पाटील के बुधवार को अदालत में पेश किया जाएगा। मामले में अब तक कुल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इससे पहले पुलिस पुल का ऑडिट करने वाली कंपनी के प्रमुख नीरज कुमार देसाई को भी गिरफ्तार कर चुकी है। बता दें कि 14 मार्च को हिमालय पुल गिरने के चलते छह लोगों की मौत हो गई थी जबकि 34 लोग घायल हो गए थे। इस हादसे के बाद बीएमसी की चौतरफा आलोचना हो रही थी क्योंकि छह महीने पहले ही इस पुल का ऑडिट कराया गया था जिसमें पुल को सुरक्षित बताते हुए सिर्फ मामूली मरम्मत का सुझाव दिया गया था। 
 

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