पिचिंग बह गई, अब डेम की दीवार की बारी, सीपेज से खाली हुआ डेम

पिचिंग बह गई, अब डेम की दीवार की बारी, सीपेज से खाली हुआ डेम

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-28 08:01 GMT
पिचिंग बह गई, अब डेम की दीवार की बारी, सीपेज से खाली हुआ डेम

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। पूर्व वनमंडल के छिंदवाड़ा वनपरिक्षेत्र की सारंगबिहरी सर्किल के अंतर्गत बने सगुनबर्रा डेम की दीवार (वेस्ट वेयर) खोखली हो गई है। वन विभाग द्वारा आनन-फानन में दो दर्जन से अधिक मजदूर लगाकर यहां पत्थर डलवाए जा रहे है। दीवार खोखली होने की वजह से इस बारिश में दीवार गिरने की संभावना बनी हुई है। पिछली बारिश में दीवार के सपोर्ट में लगाया गया मटेरियल पानी के साथ बह गया था। जिसे मेंटेनेंस के नाम पर अब समेटा जा रहा है। बताया जा रहा है कि कक्ष क्रमांक 1305 में बने डेम की वेस्ट वेयर में लीकेज होने की वजह से डेम का सारा पानी व्यर्थ बह गया है। जिसकी वजह से कैचमेंट एरिया में ही पानी बच रहा है।

डीएफओ ने दिए निर्देश
डेम की दीवार के सपोर्ट में लगे पत्थर बहने की जानकारी मिलने पर मंगलवार को पूर्व वनमंडल डीएफओ एसएस उद्दे मौके पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को निर्देश जारी किए है कि तेज बारिश शुरू होने के पहले मेंटेनेंस कार्य पूरा कराया जाए।

रिटर्निंग वॉल भी ढहने की कगार पर
सगुनियाबर्रा डेम में बनाई गई रिटर्निंग वॉल का बेस मजबूत नहीं है। रिटर्निंग वॉल के नीचे से मिट्टी बह गई है। अधिक बारिश होने पर दीवार के गिरने की आशंका बनी हुई है। यदि यह दीवार गिरती है तो डेम के सपोर्ट में लगाए गए पत्थर भी बह जाएंगे।

दो दर्जन से अधिक मजदूर कर रहे काम
खोखली दीवार के सपोर्ट में पत्थर भरने का काम बुधवार से शुरू कराया गया है। विभागीय अधिकारियों के निर्देश पर इस कार्य के लिए दो दर्जन से अधिक मजदूरों को काम पर लगाया गया है। मजदूरों से पहाड़ी के पत्थर एकत्र कराकर दीवार के नीचले हिस्से में भरवाया जा रहा है।

25 लाख रुपए की कीमत से बना था डेम
बताया जा रहा है कि फारेस्ट द्वारा 25 लाख रुपए की कीमत से डेम बनाया गया था। सगुनबर्रा में डेम बनाने के बाद से यहां तीन बार मेंटेनेंस कार्य हो चुके है। इसके बाद भी पिछली बारिश में वेस्ट वेयर के सपोर्ट में लगाया गया पूरा मटेरियल बह गया, जबकि पिछले साल भी यहां इसका मेंटेनेंस कराया गया था।

क्या कहते हैं अधिकारी
पिछली बारिश में वेस्ट वेयर के सपोर्ट में लगाया गया मटेरियल बह गया था। बारिश के पूर्व पत्थर डलवाने का कार्य किया जा रहा है। डेम का कार्य पूरा होने पर ग्रामीणों को भी इसका फायदा मिलेगा।
बीके सनाड्य, रेंजर, छिंदवाड़ा वनपरिक्षेत्र

 

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