बोरगांव में मातम के बीच तनाव- भारत बंद के दौरान हुई मारपीट में हुए घायल की मौत

बोरगांव में मातम के बीच तनाव- भारत बंद के दौरान हुई मारपीट में हुए घायल की मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-17 11:23 GMT
बोरगांव में मातम के बीच तनाव- भारत बंद के दौरान हुई मारपीट में हुए घायल की मौत

डिजिटल डेस्क छिन्दवाड़ा/सौंसर। बोरगांव में भारत बंद के दौरान हुई मारपीट में घायल 35 वर्षीय राजेंद्र ओकटे की मौत को लेकर गांव में मातम के बीच तनाव की स्थिति है। आज ग्रामीणों का एक प्रतिनिधि मंडल सुबह 11 बजे एसडीएम हिमांशु चंद्र व एएसपी नीरज सोनी से मिला। प्रतिनिधि मंडल ने अधिकारियों से चर्चा करते हुए मांग की कि घटना में दोषी अन्य लोगों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। स्थानीय पुलिस की भूमिका पर ग्रामीणों ने सवाल उठाए। यह भी मांग रखी कि पीडि़त परिवार को मुख्यमंत्री की घोषणानुसार आर्थिक सहायता मिले। संबंधित परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।
दोषी खुलेआम घूम रहे
ग्रामीणों के प्रतिनिधि मंडल ने एएसपी से कहा कि घटना में 15 लोगों को नामजद किया था लेकिन कार्रवाई सिर्फ 7 पर ही हुई है। दोषी लोग अभी भी खुलेआम घुम रहे है। इन पर कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश है। घटना के बाद से ही आवेदकों व्दारा पुलिस से आरोपियों को गिरफ्तार करने की गुहार लगाई जा रही थी किंतु उनकी बात को अनसुना कर दिया गया । पुलिस ने सख्त रवैया अख्तयार किया होता तो संभवत: यह स्थिति नहीं आती ।
थानेदार को हटाया
लोधीखेड़ा थाना प्रभारी जीएस उईके को थाने से हटा दिया गया  है। भारत बंद के दौरान दो पक्षों के बीच हुई मारपीट में लोधीखेड़ा पुलिस की भूमिका पर ग्रामीणों आक्रोशित थे।
प्रशासन अलर्ट
मंगलवार को सुबह से ही प्रशाासन अलर्ट है। पुलिस व प्रशासन के आलाअफसर बोरगांव से लगे औद्योगिक केंद्र पुलिस जांच चौकी में कैम्प किए हुए है। सौंसर के तीनों थाने के अलावा जिला मुख्यालय से एसएएफ का बल आया है।
इनका कहना है
गांव में कानून व्यवस्था नियंत्रण में है। ग्रामीणों की शिकायत पर लोधीखेड़ा थाना प्रभारी को हटाया गया है।
- नीरज सोनी एएसपी छिंदवाड़ा
ग्रामीणों के प्रतिनिधि मंडल ने कुछ मांगे रखी है। इस संबंध में उच्चाधिकारी व शासन स्तर पर आवश्यक कार्रवाई की जाएंगी।
- हिमांशु चंद्र एसडीएम सौंसर

 

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