कोरोना इलाज दरों को अखबारों में प्रकाशित कराने का प्रतिवेदन पेश करने की मोहलत

कोरोना इलाज दरों को अखबारों में प्रकाशित कराने का प्रतिवेदन पेश करने की मोहलत

Bhaskar Hindi
Update: 2021-01-27 08:37 GMT
कोरोना इलाज दरों को अखबारों में प्रकाशित कराने का प्रतिवेदन पेश करने की मोहलत

हाईकोर्ट में 9 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
मप्र हाईकोर्ट ने निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज की दरों का अखबारों में प्रकाशन कराए जाने के मामले में राज्य सरकार को पालन प्रतिवेदन पेश करने मोहलत दे दी है। डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार से इस संबंध में भी जवाब माँगा है कि आयुष्मान भारत कार्ड बनाने के लिए क्या ग्राम पंचायतों की मदद ली जा सकती है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने मामले की अगली सुनवाई 9 फरवरी को नियत की है। डिवीजन बैंच ने 10 दिसंबर को राज्य सरकार को आदेश दिया था कि निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज की दरों का हर 15 दिनों में प्रकाशन कराया जाए, ताकि आम लोगों को इलाज के बारे में जानकारी मिल सके। उल्लेखनीय है कि शाजापुर के एक निजी अस्पताल में बिल नहीं चुका पाने के कारण एक बुजुर्ग को पलंग से बाँध दिया गया था। इस मामले में संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने जनहित याचिका में रूप में सुनवाई शुरू की है। 
आयुष्मान कार्ड से हो सकता है 5 लाख रुपए का इलाज 
सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र और वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने बताया कि केन्द्र और राज्य सरकार ने गरीबों के इलाज के लिए आयुष्मान भारत योजना लागू की है। इस योजना के तहत गरीब लोग 5 लाख रुपए तक का इलाज करा सकते हैं। इस योजना के तहत अभी तक 50 प्रतिशत गरीब हितग्राही ही जुड़ पाए हैं। अभी भी 50 प्रतिशत हितग्राही इस योजना से वंचित हैं। श्री नागरथ ने तर्क दिया कि यदि आयुष्मान भारत योजना का क्रियान्वयन ग्राम पंचायतों के माध्यम से कराया जाए तो शत-प्रतिशत गरीबों का इलाज हो सकता है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या आयुष्मान भारत योजना का क्रियान्वयन ग्राम पंचायतों के जरिए किया जा सकता है।
 

Tags:    

Similar News