उपमुख्यमंत्री पवार ने रेलमंत्री को लिखा पत्र,कहा-प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने स्पेशल ट्रेन चलाए केंद्र सरकार

 उपमुख्यमंत्री पवार ने रेलमंत्री को लिखा पत्र,कहा-प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने स्पेशल ट्रेन चलाए केंद्र सरकार

Anita Peddulwar
Update: 2020-04-23 11:50 GMT
 उपमुख्यमंत्री पवार ने रेलमंत्री को लिखा पत्र,कहा-प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने स्पेशल ट्रेन चलाए केंद्र सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बाद अब प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी रेल मंत्री पीयूष गोयल से प्रावासी मजदूरों के लिए मुंबई और पुणे से विशेष ट्रेन चलाने की मांग की है। गुरुवार को उपमुख्यमंत्री ने रेल मंत्री को इस संबंध में पत्र लिखा है।  उन्होंने गोयल से विशेष ट्रेनों चलाने की मांग पर गंभीरता से ध्यान देने का आग्रह किया है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से लागू देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि 3 मई को खत्म हो रही है।  लॉकडाउन खत्म होने के बाद रेल सेवा शुरू होने पर महाराष्ट्र में जगह-जगह रुके प्रवासी मजदूर अपने गांव में जाने के लिए बड़ी संख्या में बाहर निकलेंगे। इसलिए भीड़ उमड़ने के कारण कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा होने की संभावना है। इसलिए रेलवे मंत्रालय मुंबई और पुणे से देश के विभिन्न इलाकों में जाने के लिए विशेष ट्रेन चलाए। ट्रेनों को चलाने का नियोजन पहले से ही कर लिया जाए। 

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जो प्रवासी मजदूर अपने गांव जाने के लिए आतुर हैं उनके तालाबंदी खत्म होने के बाद बड़ी संख्या में बाहर निकलने की संभावना है। देशव्यापी पहली तालाबंदी के खत्म होने के दिन मुंबई के बांद्रा पश्चिम रेलवे स्टेशन पर उमड़ी भीड़ का उदाहरण सबके सामने है। इसलिए रेल मंत्रालय को संभावित स्थिति को टालने के लिए मुंबई और पुणे से प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष ट्रेन चलाने की तैयारी के लिए भरपूर समय है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने 24 मार्च से तालाबंदी लागू किया है। इसके बाद से राज्य में उत्तर प्रदेश, बिहार समेत दूसरे राज्यों के मजदूरआश्रय शिविर में हैं। आश्रय शिविर में फिलहाल साढ़े छह लाख मजदूर हैं। इनके निवास, भोजन और चिकित्सा सेवा राज्य सरकार और निजी संस्थाओं के माध्यम से की गई है। तालाबंदी के कारण उद्योग, निर्माण कार्य और सेवा क्षेत्र बंद होने के चलते मजदूरों के पास रोजगार नहीं है। इसलिए मजदूर अपने गांवों में जाना चाहते हैं। इसके पहले मुख्यमंत्री ठाकरे ने केंद्रीय टीम के सामने यह मांग रखी थी। 

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