आरक्षण लाभ के लिए दिव्यांगों को सक्षम प्राधिकारी के पास जमा करवाना होगा प्रमाणपत्र

आरक्षण लाभ के लिए दिव्यांगों को सक्षम प्राधिकारी के पास जमा करवाना होगा प्रमाणपत्र

Tejinder Singh
Update: 2019-05-30 11:41 GMT
आरक्षण लाभ के लिए दिव्यांगों को सक्षम प्राधिकारी के पास जमा करवाना होगा प्रमाणपत्र

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सरकारी नौकरियों में दिव्यांगों को 4 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ लेने के लिए इच्छुक व्यक्तियों को सक्षम प्राधिकारी के पास प्रमाणपत्र जमा करवाना आवश्यक होगा। दिव्यांग आरक्षण के लिए आवेदनकर्ता की अधिकतम आयु 45 वर्ष होनी चाहिए। प्रदेश के सामाजिक न्याय राज्यमंत्री दिलीप कांबले ने यह जानकारी दी। कांबले ने कहा कि केंद्र सरकार के दिव्यांग अधिनियम 2016 के अनुसार राज्य मंत्रिमंडल ने आरक्षण लागू करने की मंजूरी दी थी। सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने दिव्यांग आरक्षण लागू करने के लिए शासनादेश के जरिए दिशानिर्देश जारी किया है। कांबले ने बताया कि राज्य के सभी सरकारी कार्यालय के स्टॉफ में प्रत्येक वर्ग के लिए दिव्यांग व्यक्ति सरल सेवा भर्ती के पद के लिए स्वतंत्र रोस्टर तैयार करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि किसी साल आरक्षित सीट पर दिव्यांग उम्मीदवार न मिलने पर उस सीट के अनुशेष को अगले साल भर दिया जाएगा। कांबले ने कहा कि सरकार के इस फैसले से नेत्रविकंलाग, अल्पदृष्टि, हड्डी की हानि, मस्तिष्क पक्षाघात, एसिड हमले, मांसपेशियों में विकार, मानसिक रूप से बीमारी से विकलांगता आने पर व्यक्ति को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। 

बडोले ने कहा -  महाराष्ट्र में जल्दी ही बनेगा दिव्यांग नीति आयोग

इसके अलावा प्रदेश में दिव्यांग नीति को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए दिव्यांग अधिकार आयोग बनाया जाएगा। प्रदेश के सामाजिक न्याय व विशेष सहायता मंत्री राजकुमार बडोले ने यह जानकारी दी। सोमवार को मंत्रालय में दिव्यांगों के लिए गठित महाराष्ट्र राज्य सलाहकार मंडल की बैठक हुई। बडोले ने कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों के सर्वांगिण विकास के उद्देश्य से विभाग ने दिव्यांग नीति बनाई है। इस नीति में दिव्यांगों की शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार व कौशल्य विकास के लिए विभिन्न उपाय योजना के लिए प्रावधान किए गए हैं। इस नीति को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए दिव्यांग अधिकार आयोग की स्थापना की जाएगी। बडोले ने बताया कि दिव्यांग कल्याण विभाग जिलास्तर पर स्वतंत्र रूप से कार्यान्वित किया जाएगा।

महाराष्ट्र राज्य सलाहकार मंडल की बैठक में मंत्री ने कहा 

बडोले ने कहा कि बार्टी, सारथी व समता प्रतिष्ठान की तर्ज पर दिव्यांग विकास प्रतिष्ठान की स्थापना की जाएगी। इसका मसौदा विभाग को मिल गया है। दिव्यांगों के खेल कौशल्य के विकास के लिए क्रीडा प्रबोधनी की स्थापना होगी। दिव्यांगों को शैक्षणिक क्षेत्र में भी विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। उन्हें उच्च शिक्षा में भी प्राथमिकता मिलेगी। उन्होंने बताया कि दिव्यांगों को शासकीय आईटीआई में प्रवेश दिया जाएगा। सार्वजनिक व निजी क्षेत्र में दिव्यांगों को रोजगार के समान मौके दिए जाने के लिए प्रयास किया जाएगा।


 

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