प्रधानमंत्री के हाथों उद्घाटित डॉ आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर पर लग सकता है ताला

प्रधानमंत्री के हाथों उद्घाटित डॉ आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर पर लग सकता है ताला

Tejinder Singh
Update: 2018-03-22 15:53 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुनील निमसरकर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन महीने पहले सामाजिक और आर्थिक विषयों पर अनुसंधान के लिए राजधानी के लुटियन जोन में जनपथ रोड पर संविधान निर्माता डॉ बाबासाहेब आंबेडकर के नाम पर बनी जिस इमारत का उद्घाटन किया था उस पर किसी भी समय ताला लटक सकता है। उद्घाटन की जल्दबाजी या कुछ और कारण से सरकार ने नई दिल्ली नगर निगम (NDMC) से इमारत के लिये जरुरी मंजूरी नही ली है। ऐसे में NDMC ने अब सरकार को नोटिस जारी करके इमारत में दर्जन से भी अधिक खामियों का हवाला देते हुए भारी भरकम राशि का जुर्माना भी लगाया है, जिसे पूरा नही करने पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है।

गौरतलब है कि बीते 7 दिसंबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथो आनन-फानन में उद्घाटन कराए जाने के आशय की सबसे पहले दैनिक भास्कर ने ही खबर दी थी। अब इस इमारत के निर्माण में बरती गई अनियमितताओं को लेकर NDMC द्वारा की जा रही कार्रवाई के दस्तावेज भी भास्कर के हात लगे है। दस्तावेजों के मुताबिक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को NDMC द्वारा इस इमारत के निर्माण का कार्य पूरा होने बाबत अभी तक प्रमाणपत्र ही नही दिया गया है। जबकि सरकार को यह प्रमाणपत्र इमारत के उद्घाटन के पहले ही लेना अनिवार्य था। हालांकि सरकार ने कम्पलीशन सर्टिफिकेट के लिए NDMC को 7 नवंबर 2017 को आॉनलाईन आवेदन किया था।

इसके बाद NDMC के वास्तुकला विभाग ने जब इमारत का मुआयना किया तो उन्हे कई खामियां नजर आई। लिहाजा NDMC ने यहां पाई गई कुल 15 खामियों का हवाला देते हुए 6 दिसंबर 2017 को यानी इमारत के उद्घाटन के एक दिन पहले सरकार को नोटिस जारी कर 1 लाख 88 हजार 4 रुपये का जुर्माना लगाया। NDMC के वास्तुकला विभाग के एक अधिकारी के अनुसार नोटिस जारी कर तीन माह गुजर जाने के बावजूद भी सरकारने न तो जुर्माने की राशि NDMC में जमा कराई है और ना ही नोटिस में दर्शायी गई 15 खामियों को पूरा किया है। उनका कहना है कि इस मामले में सरकार जल्द कोई सकारात्मक कदम नही उठाती है तो NDMC इस इमारत के बारे में कानूनी कार्रवाई को अंजाम देगी।

NDMC ने नोटिस में सरकार ने बिल्डिंग का नक्शा पास कराने के बाद इसमें अनधिकृत रुप से बेसमेंट का निर्माण कार्य किया है। इसके लिए NDMC ने 1 लाख 25 हजार 490 रुपये का जुर्माना लगाया है। सरकार ने हाउस टैक्स भी जमा नही कराया है और न ही लिफ्ट लगाने के लिए दमकल तथा दिल्ली पुलिस की अनुमति ली है। साथ ही NDMC ने सरकार के अधिकारी एवं इस प्रोजेक्ट के आर्किटेक्ट के अज्ञानता को भी उजागर किया जिन्होने सेंटर का निर्माण कार्य करने के बारे में NDMC को सूचित करना भी जरुरी नही समझा। जिसके लिए 10 हजार पेनाल्टी लगाई है। ऐसी 15 अनियमितताएं गिनाई है।

दरअसल,प्रधानमंत्री द्वारा इस इमारत का आनन-फानन में उद्घाटन करने के बाद डॉ आंबेडकर विचारमंच के महासचिव एवं आरटीआई कार्यकर्ता आर एल कैन ने NDMC में एक आरटीआई लगाई थी और सामाजिक न्याय विभाग एवं अधिकारिता विभाग को विरोध पत्र में दिया था। उनके द्वारा पूछे सवाल के जवाब में NDMC ने उक्त जानकारी तो दी, लेकिन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। लिहाजा अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सीलिंग मॉनिटरिंग कमेटी के अध्यक्ष भूरेलाल को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि इस इमारत के निर्माण पर सरकार द्वारा घोर उल्लंघन किया है। जिसके फलस्वरुप इसे सील किया जाए। साथ ही NDMC को भी पत्र लिखकर पूछा है कि तीन महीने गुजर जाने के बावजूद उसने इस इमारत को अब तक सील क्यों नही किया है?
 

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