हीरा आयात के बहाने दो हजार करोड़ रुपए विदेश भेजने का मामला, चार आरोपी गिरफ्तार

हीरा आयात के बहाने दो हजार करोड़ रुपए विदेश भेजने का मामला, चार आरोपी गिरफ्तार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-14 07:14 GMT
हीरा आयात के बहाने दो हजार करोड़ रुपए विदेश भेजने का मामला, चार आरोपी गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने हीरा आयात के बहाने करीब दो हजार करोड़ रुपए विदेश भेजने के मामले का पर्दाफाश किया है। मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी सस्ते पत्थरों को बेशकीमती बताकर आयात करते थे और कीमत के नाम पर मोटी रकम विदेश भेज देते थे।

गिरफ्तार आरोपियों के नाम प्रदीप कुमार झवेरी, नरेश मेहता, परेश शाह और विशाल कक्कड़ है। कक्कड़ कस्टम क्लियरिंग एजेंट है जबकि झवेरी, मेहता और शाह हीरों की कीमत तय करने का काम करते थे। चारों आरोपियों पर आयात किए जाने वाले हीरों की सही कीमत का अंदाजा लगाना था, लेकिन आयातकों से सांठगांठ के चलते वे हीरों की ज्यादा कीमत वाले सर्टिफिकेट जारी कर रहे थे। दरअसल डीआरआई को गुप्त जानकारी मिली थी कि मुंबई स्थित भारत डायमंड बोर्स ने हीरों की 14 खेप आयात की है।

हीरे बेहद कम गुणवत्ता वाले हैं, लेकिन इसकी कीमत 156 करोड़ रुपए बताई गई है। इसके बाद डीआरआई अधिकारियों ने हीरों की जांच की। जांच में साफ हुआ कि आयात किए गए हीरों की असली कीमत सिर्फ 1 करोड़ 20 लाख रुपए हैं। पूरे खेप की कीमत 150 करोड़ रुपए ज्यादा बताई गई थी। इसके बाद डीआरआई ने आयात से जुड़े पिछले रिकॉर्ड के आधार पर अंदाजा लगाया कि मामले में अवैध रूप से 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा विदेश भेजे जा चुके हैं। 

आरोपी हांगकांग और दुबई स्थित कंपनियों से हीरे आयात के नाम पर पैसे विदेश भेजते थे। डीआरआई ने छापेमारी के दौरान 10 लाख नकद, 2 कोरड़ 20 लाख के डिमांड ड्राफ्ट, कई चेकबुक, आधार कार्ड, पैनकार्ड जब्त किए हैं। मामले में सूरत की हीरा कंपनियां एंटिक एग्जिम प्रायवेट लिमिटेड और तनमन ज्वेल्स प्रायवेट लिमिटेड के मिलीभगत से सबूत मिल रहे हैं।

नीरव मोदी भी कर चुका है ऐसा ही घोटाला
इससे पहले नीरव मोदी मामले में भी खुलासा हुआ था कि वह खराब गुणवत्ता वाले हीरों को मंहगा बता कर निर्यात करता था और उसकी कीमत के नाम पर कालाधन वापस भारत लाता था। देश में कच्चे हीरे के आयात पर 0.25 फीसदी शुल्क लगता है। दुनियाभर में बिकने वाले 95 फीसदी पॉलिश्ड हीरे भारत से भेजे जाते हैं। कस्टम विभाग के एयर कार्गो यूनिट द्वारा स्वीकृति के बाद ही हीरा व्यापारियों को सौंपा जाता है।

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