टपक रही है छत , बारिश में जागकर रात बिताते हैं छात्रावासी छात्र

टपक रही है छत , बारिश में जागकर रात बिताते हैं छात्रावासी छात्र

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-05 09:42 GMT
टपक रही है छत , बारिश में जागकर रात बिताते हैं छात्रावासी छात्र

डिजिटल डेस्क,शहडोल/जैतपुर। बेहतर माहौल में रहते हुए शिक्षा ग्रहण करने की शासन की मंशा पर जिले का आजाक विभाग पलीता लगाने का कार्य कर रहा है। जैतपुर के दूरांचल कुम्हेड़िन में स्थित शासकीय आदिवासी बालक आश्रम जिले के उन छात्रावासों में शुमार है, जहां रहने वाले आदिवासी बच्चों को असुविधाओं के बीच रहना पड़ रहा है। करीब 28 वर्ष पहले बना छात्रावास भवन वर्तमान में काफी जर्जर हो चुका है। 50 सीटर इस छात्रावास में दूरांचल के कक्षा एक से 8 वीं तक के आदिवासी छात्र निवास करते हैं। भवन की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि बरसात के दिनों में छात्रों को जाग कर रात बितानी पड़ती है। क्योंकि पूरे भवन की छतों से पानी टपकता  हैं। कमरों में पानी भर जाता है। रसोई घर तक में पानी भरा रहता है। कमरों में सीलन आ जाने के कारण बिस्तर तक गीले रहते हैं। 

सीलन से कमरों व बिस्तरों से बदबू आती  है

सीलन से कमरों व बिस्तरों से बदबू आती रहती है। जिससे बच्चों के बीमार होने का अंदेशा बना रहता है। जैतपुर मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर घने जंगल के बीच स्थित इस आदिवासी आश्रम की दशा सुधारने के लिए विभाग द्वारा किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यहां पर नेटवर्क की भी दिक्कत है। आपात हालातों में किसी से संपर्क तक नहीं किया जा सकता।

बिजली की है समस्या

घने जंगल कें बीच स्थित इस छात्रावास में बिजली की समस्या भी बनी है।  लाइट आए दिन गुल रहती है। विकल्प के रूप में सौर ऊर्जा का प्लांट लगाया गया था, जो बंद पड़ा हुआ है। इससे छात्रावास में अंधेरा रहता है। पानी भरने के लिए बोर भी काम नहीं करता। अंधेरो होने से बरसात के दिनों में छात्रों को जहरीले जीव जंतुओं से भी खतरा बना रहता है। 

नये भवन में भी रिसाव

आजाक विभाग द्वारा दो कमरों का अतिरिक्त भवन बनवाया गया है। यह भवन अभी हैण्डओवर नहीं हुआ है, लेकिन नया भवन भी चू रहा है। भवन के दोनेां कमरेां में बरसात का पानी भर जाता है। यदि इसमें भी छात्रों को रखा गया तो परेशानी कम नहीं होगी। छात्रावास अधीक्षक दीनदयाल पाव ने बताया कि विभाग को कई बार अवगत कराया गया लेकिन जर्जर भवन की मरम्मत के लिए पहल नहीं की गई। एसी आफिस में लिखित भी दिया गया है।

इनका कहना है

विभाग के जितने भी छात्रावास मरम्मत लायक हैं उनमें डामर सीट लगाने व अन्य कार्य के स्टीमेट बनाकर मई माह में ही भोपाल भेजे गए थे, बजट आते ही काम कराया जाएगा। कुम्हेडिऩ के छात्रावास भवन का जायजा लेने के लिए शीघ्र ही इंजीनियर को भेजा जाएगा। आरके स्रोती, सहायक आयुक्त आजाक
 

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