चंदपुर में महसूस किए भूकंप के झटके, सहमे लोग, सोशल मीडिया पर जताया डर

चंदपुर में महसूस किए भूकंप के झटके, सहमे लोग, सोशल मीडिया पर जताया डर

Anita Peddulwar
Update: 2019-08-13 14:26 GMT
चंदपुर में महसूस किए भूकंप के झटके, सहमे लोग, सोशल मीडिया पर जताया डर

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। चंद्रपुर शहर में बीते कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है। इस बीच मंगलवार की सुबह शहर के खदान समीपस्थ इलाकों के साथ अन्य कई क्षेत्रों में भूकंप जैसे झटकों का अनुभव किया गया। इस झटके को महसूस करनेवाले लोगों ने सोशल मीडिया पर अपना डर जताया। इस बीच संबंधित विभाग ने यह भूकंप न होने की बात कही है। साथ ही लोगों को डरने की आवश्यकता नहीं, ऐसा आश्वस्त भी किया गया है। 

चंद्रपुर शहर में मंगलवार को सुबह से ही बारिश शुरु थी। इस बीच सुबह  10 .30 बजे के दौरान कई लोगों ने अनूठा कंपन महसूस किया। शहर के गोपालनगर तुकुम परिसर के नागरिक उमाकांत धांडे ने बताया कि उन्होंने झटकों काे महसूस किया है । आवाजें भी सुनी है। तुकूम परिसर के ही सुनील भट ने बताया कि घर के दरवाजे-खिड़कियां बजने लगी। वडगांव, पडोली क्षेत्र में भी इन झटकों को महसूस किये जाने की बात कही गयी। बताया तो यहां तक जाता है कि कुछ लोग डर के मारे अपने अपने घरों से बाहर भी निकल पडे़ थे। दरअसल इस डर का असली कारण यह था कि पालघर में भी आज ही भूकंप के झटके लगे थे। 

2005 से झटकों का सिलसिला
सन 2005  में इसी तरह से भुगर्भी झटकों का सिलसिला चला था। बाद में इसका सर्वेक्षण किया गया। तब शहर के लालपेठ कोयला खदान की ब्लास्टिंग से यह होने की बात सामने आयी थी। 

क्यों लगते हैं झटके
चंद्रपुर शहर के परिसर में ही वेकोलि की कई कोयला खदाने हैं। अधिकांश भूमिगत खदान होने से पानी गहरे पाषाणों में जाकर भू स्तर धंसता है। जिसके बाद बीच- बीच में ऐसे झटकों का अनुभव होता है।

चंद्रपुर भूकंपप्रवण क्षेत्र नहीं
चंद्रपुर भूकंपप्रवण क्षेत्र नहीं है। अतिवृष्टि होने के बाद मिट्टी का स्तर धंसने से झटकों का अनुभव हो सकता है। साथ ही कोयला खदानों में बडे़ पैमाने पर बारुद इस्तमाल हुआ तो भी ऐसा होता है। इसके पूर्व ऐसे अनुभव हुए है। यह नया नहीं है।
-प्रो. सुरेश चोपणे, पर्यावरणवीद,चंद्रपुर

अभी जानकारी नहीं, फैक्टस् देखनी होंगी
जो बाते हो रही है, उसकी जानकारी अभी हमारे पास उपलब्ध नही है। इसके फैक्टस् देखने पडेंगे। पास-पडोस में माईनींग एरिया होने पर भी एैसा होता है। हम पडताल कर सटीक कुछ बता पाएंगे।
-डा. विजेता सोलंकी, वरिष्ठ भूवैज्ञानिक-चंद्रपुर
 

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