मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे के खिलाफ दर्ज मनी लांड्रिंंग का मामला

ईडी मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे के खिलाफ दर्ज मनी लांड्रिंंग का मामला

Tejinder Singh
Update: 2022-07-14 16:15 GMT
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे के खिलाफ दर्ज मनी लांड्रिंंग का मामला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे की मुश्किलें बढ़ती जा रहीं हैं। सीबीआई के बाद अब केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने भी अवैध रुप से एनएसई कर्मचारियों के फोन टैपिंग मामले में उनके खिलाफ मनी लांडरिंग के आरोप में ईसीआईआर दर्ज किया है। सीबीआई की एफआईआर के आधार पर ईडी ने पांडे के साथ एनएसई के पूर्व अधिकारियों चित्रा रामकृष्ण, रवि नारायण और अन्य आरोपियों के खिलाफ पीएमएलए कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। अब ईडी ने पहले से गिरफ्तार चित्रा को फोन टैपिंग मामले में हिरासत में लिया है। उन्हें दिल्ली की अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें चार दिन की ईडी हिरासत में भेजा गया है। इससे पहले ईडी पांडे से एनएसई सर्वर को लोकेशन मामले में पूछताछ कर चुकी है। एनएसई को लोकेशन घोटाला मामले में सीबीआई ने पांडे  के साथ उनकी कंपनी आईसेक सर्विसेस, कंपनी में अहम पदों पर नियुक्त उनके परिवार के सदस्यों और दूसरे लोगों को भी आरोपी बनाया है। मामले में सीबीआई ने बीते शुक्रवार को पांडे के से जुड़े ठिकानों समेत देश के पांच राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 18 जगहों पर छापेमारी की। शिकायत के मुताबिक एनएसई के तत्कालीन प्रबंध निदेशक, उपप्रबंध निदेशक, कार्यकारी उपाध्यक्ष, एनएसई (परिसर) प्रमुख ने निजी कंपनी के साथ मिलकर कर्मचारियों के फोन रिकॉर्ड करने की साजिश रची और कर्मचारियों को उनके फोन रिकॉर्ड किए जाने की जानकारी नहीं दी गई। इसके अलावा टेलिग्राफ कानून के तहत इसके लिए संबंधित अधिकारियों से जरूरी मंजूरी भी नहीं ली गई। पांडे की कंपनी ने रिकॉर्ड किए गए फोन कॉल्स की ट्रांसक्रिप्ट भी साजिश में शामिल एनएसई अधिकारियों को पहुंचाई थी। इस काम के लिए आईसेक सर्विसेस को 4 करोड़ 45 लाख रुपए का भुगतान किया गया था। कर्मचारियों के फोन साल 2009 से 2017 तक टैप किए गए थे। 
 

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