ईडी ने पूर्व मंत्री देशमुख की पत्नी को भेजा समन

ईडी ने पूर्व मंत्री देशमुख की पत्नी को भेजा समन

Tejinder Singh
Update: 2021-07-14 15:50 GMT
ईडी ने पूर्व मंत्री देशमुख की पत्नी को भेजा समन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की पत्नी आरती को समन भेजकर मनी लांडरिंग मामले में गुरूवार को पूछताछ के लिए बुलाया है। अनिल देशमुख के वकील कमलेश घुमरे ने बताया कि आरती देशमुख को दो दिन पहले समन भेजकर गुरूवार को सुबह 11 बजे ईडी के मुंबई स्थित ऑफिस में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इससे पहले ईडी अनिल देशमुख और उनके बेटे ऋषिकेश देशमुख को भी पूछताछ के लिए समन भेज चुकी है हालांकि कोई भी अब तक जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुआ है। घुमरे ने कहा कि जहां तक मेरी जानकारी है आरती घरेलू महिला हैं और उनका इस मामले से कोई लेना देना नही है। ईडी ने उन्हें समन क्यों भेजा यह समझ से परे है। देशमुख तीन बार समन भेजे जाने के बावजूद जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए हैं। उम्र और कोरोना संक्रमण का हवाला देकर देशमुख ने जांच एजेंसी से वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए बयान दर्ज करने का आग्रह किया था। 

देशमुख ने अब निष्पक्ष जांच न किए जाने का दावा करते हुए ईडी जांच के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है और मामले का फैसला आने तक ईडी को इंतजार करने को कहा है। सूत्रों के मुताबिक आरती देशमुख भी खुद ईडी के सामने हाजिर होने के बजाय वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बयान दर्ज करने का आग्रह कर सकतीं हैं। वकील घुमरे ने कहा कि दोनों वरिष्ठ नागरिक हैं। जांच के लिए हम सभी तरह के दस्तावेज देने के लिए तैयार हैं। ऐसे कौन से सवाल हैं जिन्हें सामने बिठाकर ही पूछा जा सकता है। मामले में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जरूरी जानकारी मांगी जा सकती है। कोरोना संक्रमण के देखते हुए पूछताछ ऑनलाइन की जानी चाहिए।  

परमबीर सिंह हैं वाझे के नंबर वन    

बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे के नंबर वन को पैसे देने के बयान पर वकील घुमरे ने कहा कि सब जानते हैं कि पुलिस महकमे में उस समय नंबर एक कौन था। उस समय का मुंबई पुलिस आयुक्त ही वाझे का नंबर एक होना चाहिए। मुंबई के बारों और रेस्टारेंट से हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली के परमबीर सिंह के आरोपों पर घुमरे ने कहा कि हाईकोर्ट ने भी इस मामले में सिंह से सवाल किया है कि वे कई महीने चुप क्यों थे। उन्होंने कहा कि देशमुख और वाझे की मुलाकात सिर्फ एक बार हुई है जिसका जिक्र वाझे ने अपने हलफनामे में किया है। ईडी ने वाझे के कमीशन के सामने दिए गए बयान के आधार पर मामला दर्ज किया है। लेकिन कमीशन के सामने दिए वाझे के हलफनामें और सीबीआई, ईडी के सामने दिए बयान में अंतर है। हलफनामें में साफ लिखा गया है कि वाझे ने अनिल देशमुख या उनके निजी सहायक कुंदन शिंदे को कोई पैसे नहीं दिए। घुमरे ने कहा कि ईडी और सीबीआई हमेशा दबाव में काम करतीं हैं।    

 

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