कोरोना के कारण मौत होने पर एसटी कर्मचारियों के परिजन को मिलेगी पांच लाख की आर्थिक मदद

कोरोना के कारण मौत होने पर एसटी कर्मचारियों के परिजन को मिलेगी पांच लाख की आर्थिक मदद

Tejinder Singh
Update: 2021-06-01 15:52 GMT
कोरोना के कारण मौत होने पर एसटी कर्मचारियों के परिजन को मिलेगी पांच लाख की आर्थिक मदद

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना के कारण राज्य मार्ग परिवहन महामंडल (एसटी) के कर्मचारियों की मौत होने पर उनके परिजनों को 5 लाख रुपए की मदद की जाएगी। सरकारी मापदंडों के दायरे में न आ सकने वाले संबंधित मृतक के परिजनों को एसटी महामंडल की ओर से यह मदद दी जाएगी। प्रदेश के परिवहन मंत्री तथा एसटी महामंडल के अध्यक्ष अनिल परब ने यह घोषणा की है। मंगलवार को एसटी महामंडल का 73 वां स्थापना दिवस मनाया गया। एसटी महामंडल के मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री सतेज पाटील भी मौजूद थे। परब ने कहा कि एसटी कर्मचारियों के कोरोना के कारण मौत होने पर सरकारी मापदंडों के दायरे में न आने वाले संबंधित कर्मचारियों के परिजनों को 5 लाख रुपए की मदद दी जाएगी। इसके अलावा कोरोना के कारण मृत कर्मचारियों के परिजनों को 50 लाख रुपए देने की सरकारी योजना को एसटी कर्मचारियों के लिए भी लागू करने की अवधि 30 जून 2021 तक बढ़ा दिया गया है। परब ने कहा कि कोरोना समेत अन्य कारणों से जिन एसटी के कर्मचारियों की मौत हुई है उनके वारिस को छह महीने के भीतर अनुकंपा के आधार पर एसटी की सेवा में शामिल किया जाए।परब ने कहा कि माल की ढुलाई के लिए चलाई जा रही एसटी की महाकार्गो के चालकों को प्रति दिन 150 रुपए भत्ता दिया जाएगा। 

मुंबई से मिलता था 1 करोड़ रुपए का राजस्व

परब ने कहा कि कोरोनाकाल में मुंबई में बेस्ट की सेवा में  एसटी की एक हजार बसें चलाई जा रही थीं। इसके जरिए एसटी महामंडल को प्रतिदिन 1 करोड़ रुपए का राजस्व मिल रहा था लेकिन कर्मचारियों की मांग और कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए मुंबई की बेस्ट सेवा से एसटी की बसों को हटाने का फैसला किया गया है।

एसटी की यात्रियों को सुविधाएं

एसटी के बसों में सफर करने वाले यात्रियों को 100 प्रमुख बस स्टेशनों पर जल्द ही आरओ के माध्यम से स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया जाएगा। एसटी बस स्टेशनों पर बड़े शौचलाय का निर्माण होगा। साफ सफाई रखने के लिए यात्रियों से शौचालय के इस्तेमाल के लिए दर वसूला जाएगा। एसटी के यात्रियों के आरामदायक सफर के लिए लगभग ढ़ाई हजार नई बसें ली जाएंगी। इसमें पर्यावरण पूरक इलेक्ट्रिक बस, एलएसजी, सीएनजी और मौजूदा आराम बसों का समावेश है। 

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