कर्नाटक में बिकते थे मुंबई में चोरी हुए मोबाईल, बचने के लिए बदल देते थे आईएमईआई नंबर 

कर्नाटक में बिकते थे मुंबई में चोरी हुए मोबाईल, बचने के लिए बदल देते थे आईएमईआई नंबर 

Tejinder Singh
Update: 2019-12-02 17:19 GMT
कर्नाटक में बिकते थे मुंबई में चोरी हुए मोबाईल, बचने के लिए बदल देते थे आईएमईआई नंबर 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई पुलिस कि अपराध शाखा ने चोरी के मोबाइल का आईएमईआई नंबर बदलकर उसे कर्नाटक के मैंगलोर ले जाकर बेचने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से 58 मोबाइल जब्त किए हैं। आरोपियों की मैंगलोर में दुकान है जहां वे मुंबई से चोरी किए गए मोबाइल ले जाकर बेंचते थे। गिरफ्तार आरोपियों के नाम मंसूर सुलेमान और इब्राहिम मैईद्दीन है। सुलेमान कर्नाटक के निखिलहड्डी जबकि मैईद्दीन केरल के वसनगडी इलाके का रहने वाला है। आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि कर्नाटक के मैंगलोर में उनकी मोबाइल की दुकान है। वे अक्सर मुंबई आकर ऐसे चोरी के मोबाइल खरीदते हैं जिनकी आईएनईआई नंबर बदले जा चुके हों। इन मोबाइल को वे अपनी दुकान पर अच्छी कीमत में बेंच देते थे। दरअसल अपराध शाखा की यूनिट छह में तैनात सहायक पुलिस निरीक्षक महेश कोरसकर को जानकारी मिली थी कि कुछ लोग चोरी किए गए मोबाइल का आईएमईआई नंबर बदलकर उसे बेंचने के लिए ले जा रहे हैं। इसके बाद मानखुर्द गांव के पास दोनों आरोपियों को रोककर उनकी तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान सैमसंग, ओप्पो, वीवो जैसी कंपनियों के 58 मोबाइल फोन मिले। बरामद मोबाइल की कीमत 5 लाख 80 हजार रुपए थी। आरोपियों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि मोबाइल चोरी के हैं और वे आईएमईआई नंबर बदलने के बाद उसे बेंचने के लिए मैंगलूर ले जा रहे हैं। डीसीपी अकबर पठान ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ आईपीसी और आईटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। कोर्ट में पेशी के बाद आरोपियों को 10 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। 

आईएमईआई नंबर बदलने वालों पर नजर

डीसीपी अकबर पठान ने बताया कि आरोपियों से इस बात की पूछताछ की जा रही है कि चोरी के मोबाइल वे किन लोगों से खरीदते थे और इनके आईएनईआई नंबर कहां से बदले जाते थे। पुलिस मामले में जल्द ही गिरोह में शामिल कुछ और आरोपियों पर शिकंजा कसेगी। बता दें कि हर मोबाइल में अलग इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आईडेंटिटी (आईएमईआई) होता है। जिसके जरिए मोबाइल की पहचान की जाती है। लेकिन कई ऐसे सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं जिससे ये आईएमईआई नंबर बदले जा सकते हैं। मोबाइल चोरी से जुड़े संगठित गिरोह गैरकानूनी रूप से आईएमईआई नंबर बदल देते हैं जिससे पुलिस के लिए मोबाइल खोज पाना असंभव हो जाता है। 
 

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