नाराजगी जताते हुए जज ने पूछा - आखिर सीबीआई-एसआईटी कब तक करेगी दाभोलकर-पानसरे हत्या मामले की जांच

नाराजगी जताते हुए जज ने पूछा - आखिर सीबीआई-एसआईटी कब तक करेगी दाभोलकर-पानसरे हत्या मामले की जांच

Tejinder Singh
Update: 2021-03-12 13:37 GMT
नाराजगी जताते हुए जज ने पूछा - आखिर सीबीआई-एसआईटी कब तक करेगी दाभोलकर-पानसरे हत्या मामले की जांच

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि सामाजिक कार्यकर्ता डॉ.नरेंद्र दाभोलकर की हत्या को सात साल से अधिक का समय हो गया है। जबकि सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद पानसरे की हत्या को 6 साल का समय व्यतीत हो गया है। आखिर सीबीआई व विशेष जांच दल (एसआईटी) कब तक इन दोनों मामले की जांच जारी रखेगी। यह सवाल करते हुए कोर्ट ने सीबीआई व एसआईटी से मामले की अगली सुनवाई के दौरान प्रकरण से जुड़ी ठोस प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। सीबीआई दाभोलकर मामले की जांच कर रही है। वहीं एसआईटी पानसरे मामले की तहकीकात कर रही है। हाईकोर्ट में दाभोलकर व पानसरे के परिजनों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। 

शुक्रवार को यह याचिका न्यायमूर्ति एमएस शिंदे व न्यायमूर्ति मनीष पीटले की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान खंडपीठ ने कहा कि आखिर अब तक इस मामले के मुकदमे की शुरुआत क्यों नहीं हुई है। जबकि कर्नाटक में इसी मामले की तरह एक विचारक की गई हत्या के मामले के मुकदमे की सुनवाई की शुरुआत हो गई है। आखिर कब तक इन दोनों मामलों की जांच चलेगी। खंडपीठ ने कहा कि हमें दोनों जांच एजेंसियों के कार्य को लेकर कोई शंका नहीं है। किंतु जांच एजेंसिया प्रामाणिक ढंग से प्रयत्न कर रही हैं। यह नजर आना जरुरी है। अन्यथा इस मामले से जुड़े जिम्मेदार अधिकारियों को छोड़ा नहीं जाएगा। 

खंडपीठ ने कहा कि हम इस मामले को लेकर व्यथित है। इस तरह के मामले की जांच प्रभावी ढंग से न होने से लोगों का जांच एजेंसियों से जुड़ा विश्वास प्रभावित होता है। खंडपीठ ने कहा कि लोगों को यह संदेश देना आवश्यक है कि इस तरह के संवेदनशील प्रकरण की जांच गंभीरता से की जाती है और आरोपियों के खिलाफ मुकदमा भी चलाया जाता है। ऐसी घटनाए दोबारा घटित न हो इसका भी ध्यान रखना जरुरी है। अगली सुनवाई के दौरान हम जांच एजेंसियों से सकारात्मक जवाब चाहते हैं। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 30 मार्च 2021 तक के लिए स्थगित कर दी है। इससे पहले एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि वे अगली सुनवाई के दौरान मामले को लेकर प्रगति रिपोर्ट पेश करेंगे। वहीं याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अभय नेवगी ने जांच को लेकर असंतोष व्यक्त किया।

गौरतलब है कि अंधविश्वास के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए चर्चित दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जबकि पानसरे की कोल्हापुर में 16 फरवरी 2015 को उनके घर के निकट गोली मारी गई थी। चार दिन बाद पानसरे की अस्पताल में मौत हो गई थी। 

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